tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post1487773672112754362..comments2024-03-26T13:46:52.739+05:30Comments on "सोच का सृजन": करुणावती विभा रानी श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-65189851393165249112015-03-01T22:05:49.939+05:302015-03-01T22:05:49.939+05:30आदरणीया दीदी जी , आप सचमुच करुणा की खान हैं ।आप का...आदरणीया दीदी जी , आप सचमुच करुणा की खान हैं ।आप का व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा है जो बरबस हमे आपके करीब खींच लाया। हम आदरणीय आनंद जी से सौ प्रतिशत सहमत हैं।Pankaj Joshihttp://pankaj-parag-laghu-katha.blogspot.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-48665384197464204262014-07-02T20:22:45.588+05:302014-07-02T20:22:45.588+05:30Sangeeta Singh के साथ करुणावती साहित्य धारा
24 मिन...<br />Sangeeta Singh के साथ करुणावती साहित्य धारा<br />24 मिनट · सम्पादित · <br />मुझे मेरी 'करुणावती साहित्य धारा ' मिली ,पत्रिका हाथ में लेते हुये अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है जिसे शब्दों में व्यक्त कर पाना थोड़ा कठिन है |सबसे पहले तो पत्रिका के बेहतर संपादन के लिये 'आनंद विक्रम 'सर जी को अनंत बधाइयाँ | जिस तरह से माँ अपने बच्चों को प्यार-दुलार करती है और नित् नये संस्कारों से अवगत कराती है ठीक उसी प्रकार 'आनंद सर' भी हम नव लेखकों की रचनाओं को सराहकर तथा उसे साहित्यिक मोड़ देकर हमें साहित्यिक विद्या से सराबोर किया है |अच्छी साहित्यिक पुस्तकें केवल ज्ञान का भंडार ही नहीं ,अपितु सर्वोच्च धरोहर है ,अतः इस धरोहर की विशालता बनी रहे ऐसा प्रयास हमारे संपादक महोदय ने बखूबी किया है | वहीँ अतिथी संपादिका सुश्री 'विभा रानी श्रीवास्तव'दी के कुशल संपादन ने पत्रिका को और खिलने,संवरने और विचरने का बेहतर अवसर दिया है | उनकी वजह से कई नई विधाओं जैसे ..हाइकू,माहिया,गजल इत्यादि का समावेश रहा जो कि बेहद सराहनीय रहा | आदरणीय विभा दी से गुजारिश है कि अपने प्रेममयी सानिध्य से हम नवलेखकों को सराबोर करती रहें | इस पत्रिका की जो सबसे बड़ी उपलब्धि है वह है <br />श्रद्धेय बाबूजी डॉ.जयशंकर त्रिपाठी जी की रचना ''कचनार की हंसी'',जो की इस पत्रिका के माध्यम से हम कथाकारों एवं पाठकों के लिये सुलभ हो गया है | पत्रिका में सभी रचनाएँ अर्थपूर्ण एवं काबिले सौगात है | पत्रिका पढने के बाद यह निश्चय करना कठिन है कि कौन सबसे बेहतर है ,सभी रचनाकारों ने अपने शब्दों की धारा से करुणावती साहित्य धारा की बगिया को सींचा है | सभी लेखकों को हार्दिक अभिनंदन एवं पत्रिका के बेहतर संयोजन के लिये दिल से धन्यवाद .....संगीता सिंहविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-78482600833522297272014-06-22T01:55:50.966+05:302014-06-22T01:55:50.966+05:30बहुत अच्छा लगा जानकर. बधाई!बहुत अच्छा लगा जानकर. बधाई!ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-37909952718589394552014-06-21T19:49:27.584+05:302014-06-21T19:49:27.584+05:30बढ़िया अंक के लिए....ढेर सारी बधाईयां :))बढ़िया अंक के लिए....ढेर सारी बधाईयां :))संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-72059524456255706432014-06-21T18:54:34.049+05:302014-06-21T18:54:34.049+05:30di ... ham agar sachche hai to niswarth hai to kar...di ... ham agar sachche hai to niswarth hai to karwa bhi waisa hi banta jayega na :) सुनीता अग्रवाल "नेह"https://www.blogger.com/profile/07002923684526556089noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-13186943861713674972014-06-20T10:30:22.372+05:302014-06-20T10:30:22.372+05:30हार्दिक बधाई...हार्दिक बधाई...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-44400565131660464332014-06-20T10:10:15.348+05:302014-06-20T10:10:15.348+05:30ढेर सारी बधाईयां ढेर सारी बधाईयां संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-85380565398324512322014-06-19T16:11:05.465+05:302014-06-19T16:11:05.465+05:30इस अंक के लिए बहुत-बहुत बधाई। निःसंदेह यह अंक पठनी...इस अंक के लिए बहुत-बहुत बधाई। निःसंदेह यह अंक पठनीय एवं संग्रहणीय निकला होगा।Himkar Shyamhttps://www.blogger.com/profile/18243305513572430435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-26001808851632645122014-06-19T15:19:16.182+05:302014-06-19T15:19:16.182+05:30ढेर सारी बधाईयां आपको ढेर सारी बधाईयां आपको meenakshihttps://www.blogger.com/profile/03015266816070555890noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-38642889886068915412014-06-19T14:45:26.092+05:302014-06-19T14:45:26.092+05:30हार्दिक बधाई .... एक बढ़िया अंक के लिए हार्दिक बधाई .... एक बढ़िया अंक के लिए डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-28890284826600047772014-06-19T12:26:44.071+05:302014-06-19T12:26:44.071+05:30आदरणीय विभा जी ,बधाई हो आदरणीय विभा जी ,बधाई हो Bharti Dashttps://www.blogger.com/profile/04896714022745650542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-36508608903577195692014-06-19T12:19:06.702+05:302014-06-19T12:19:06.702+05:30बहुत खुशी हुई , बधाई आपको आदरणीय धन्यवाद !
I.A.S....बहुत खुशी हुई , बधाई आपको आदरणीय धन्यवाद !<br /> <a href="http://www.samadhaaninhindi.blogspot.in/" rel="nofollow">I.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )</a><br /> आशीष अवस्थीhttps://www.blogger.com/profile/05326902845770449131noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-21396239248858719272014-06-19T12:08:49.734+05:302014-06-19T12:08:49.734+05:30बहुत बहुत बधाई विभा दी करुणावती के लिए ....बहुत बहुत बधाई विभा दी करुणावती के लिए ....Ranjana vermahttps://www.blogger.com/profile/18228698425578643882noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-78739745270747271352014-06-19T11:57:48.975+05:302014-06-19T11:57:48.975+05:30Vandana Bajpai, करुणावती साहित्य धारा और आनन्द विक...<br />Vandana Bajpai, करुणावती साहित्य धारा और आनन्द विक्रम त्रिपाठी के साथ<br />22 मिनट · सम्पादित · <br />करुणावती साहित्य धारा "नया कलेवर नया रूप "<br />कल करुणावती साहित्य धारा का नया अंक मिला .सुन्दर सौम्य नीले रंग का कवर पेज देख कर इस तपती दोपहरी में मन को जैसे एक रूहानी सुकून सा मिला ,और उससे भी ज्यादा सकूं मिला जब इसको पढने पर मेरी साहित्य प्रेमी आत्मा की पिपासा शांत होने लगी .सबसे पहले तो मैं धन्यवाद देना चाहूंगी आनंद विक्रम त्रिपाठी जी को जिन्होंने एक अच्छी साहित्यिक सामग्री सुधि पाठकों को उपलब्ध कराई .फिर मैं इस अंक की अतिथि संपादिका "विभा रानी श्रीवास्तव 'के प्रति अपने ह्रदय के उदगार व्यक्त करना चाहूंगी "वास्तव में आपने इस अंक को संग्रहणीय बना दिया है , आपके रचनाओं के चयन ,कुशल संपादन , एवम स्नेह पा पत्रिका ने लोकप्रियता के आकाश में सौ प्रतिशत की छलांग लगाई है ..... सामग्री की बात करें तो डॉ जय शंकर त्रिपाठी जी का निबंध "कचनार की हँसी पढ़कर " लगा की यह हमारा सौभाग्य है कि हमें पत्रिका के माध्यम से ऐसी उत्कृष्ट रचना पढने को मिल रही है और लेखन की बारीकियां सीखने को मिल रही है . सोनी पांडेय जी की आंचलिक कहानी गुनियां की माई मन को छूती है,हमेशा की तरह उनका लेखन बेजोड़ है ,उपासना सियाग की कहानी "ढलती सांझ में उगा सूरज" पढ़कर ऐसा लगा जैसे गोदावरी भाभी को यही कही अपने आस -पास देखा है . बीनू भटनागर जी का लेख "साहित्य और मनोविज्ञान " सिद्ध करता है कि कही न कही यह एक सिक्के के दो पहलू हैं .किस किस का नाम लू कवितायेँ कहानियाँ संस्मरण सब एक से बढ़कर एक है .कुल मिलकर अगर आप साहित्य सुधि पाठक हैं , कुछ अच्छा पढना चाहते है तो यह अंक आप के मन को अवश्य तृप्त करेगा<br />नोट ;मेरी भी एक कविता इस अंक में है आप पढ़कर कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दीजियेगा ,<br />नापसंदनापसंद · · साझा करेंविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-72546091740262126632014-06-19T07:37:28.682+05:302014-06-19T07:37:28.682+05:30दीदी! आपका चयन और मुझे इस साहित्यिक पत्रिका में स्...दीदी! आपका चयन और मुझे इस साहित्यिक पत्रिका में स्थान देने का निर्णय, मेरे लिये व्यक्तिगत रूप से बड़े सौभाग्य की बात है. पत्रिका को हाथ में लेने की ललक जाग उठी है! आपका बहुत बहुत आभार!<br />चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-89045523064735505802014-06-19T07:21:18.459+05:302014-06-19T07:21:18.459+05:30आदरणीय चाची जी आपके सानिद्ध्य में करुणावती साहित्य...आदरणीय चाची जी आपके सानिद्ध्य में करुणावती साहित्य धारा का साहित्यआँगन विभिन्न फूलों की भांति विभिन्न रचनाओं से महक उठा आनन्द विक्रम त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/09447684273193676654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-29346335295655940922014-06-19T06:18:49.187+05:302014-06-19T06:18:49.187+05:30सुन्दर प्रस्तुति माँ |
सुन्दर प्रस्तुति माँ |<br />Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-55759701199482087952014-06-19T00:31:22.227+05:302014-06-19T00:31:22.227+05:30आभारी हूँ .... बहुत बहुत धन्यवाद आपका ...
आभारी हूँ .... बहुत बहुत धन्यवाद आपका ...<br /><br />विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-43848217938374734872014-06-18T22:07:51.745+05:302014-06-18T22:07:51.745+05:30:):)रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-83616439126763778782014-06-18T20:23:02.725+05:302014-06-18T20:23:02.725+05:30samajh rahi hoon ,aapki ma ki haalat .... bhaiya k...samajh rahi hoon ,aapki ma ki haalat .... bhaiya ke shok me main apani maa ko kho chuki hoon ..... dhairy rakhen main kah dun lekin rakhanaa kitanaa mushkil hota hai ,main jaanati hoon विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-67798552678601410572014-06-18T20:14:28.916+05:302014-06-18T20:14:28.916+05:30This comment has been removed by a blog administrator.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10711074114205495463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-1027306142984195402014-06-18T20:13:26.137+05:302014-06-18T20:13:26.137+05:30 shukriyaa Vibha ji meri rachna ko sthaan dene ka ... shukriyaa Vibha ji meri rachna ko sthaan dene ka .maa is waqt antim padav par hain , bete ka gam nhi bardasht kar pa rahi hain .............<br /><br /> aapko safal sampadan ki haardik shubhkamnaye Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10711074114205495463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-47712354831637097032014-06-18T20:08:07.348+05:302014-06-18T20:08:07.348+05:30बहुत सुन्दर ..भावुक हो आपने लिख कर हमें भी भावुक क...बहुत सुन्दर ..भावुक हो आपने लिख कर हमें भी भावुक कर दिया ..अच्छे हायकू बाकी बाद में पढ़ते रहेगें ..:)सविता मिश्रा 'अक्षजा'https://www.blogger.com/profile/16410119759163723925noreply@blogger.com