tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post253772358714231973..comments2024-03-26T13:46:52.739+05:30Comments on "सोच का सृजन": आस्था निजी भावनाविभा रानी श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-42648705791574904472018-11-22T21:21:42.638+05:302018-11-22T21:21:42.638+05:30बेहतरीन रचना आदरणीया बेहतरीन रचना आदरणीया अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-24230471978970863242018-11-19T20:33:14.339+05:302018-11-19T20:33:14.339+05:30अगर हम भारत के इतिहास का अध्ययन करेंगे तो हमको ज्ञ...अगर हम भारत के इतिहास का अध्ययन करेंगे तो हमको ज्ञात होगा कि वस्त्र-उद्योग में समस्त विश्व में शीर्षस्थ भारत में दर्ज़ी विदेशी जातियों के साथ आए थे. पहले कपड़ों में गाँठ लगाकर उन्हें जोड़ने का काम लिया जाता था. हमारी संस्कृति पर कितना-कितना और कहाँ-कहाँ विदेशी प्रभाव पड़ा है, इसका हिसाब करने में सदियाँ बीत जाएँगी. <br />समय के साथ मान्यताएं, आस्थाएँ, रीति-रिवाज, खान-पान, रहन-सहन, भाषा, साहित्य आदि में परिवर्तन न आए तो वह संस्कृति तालाब के ठहरे हुए पानी की तरह सड़ने लगती है. <br />अपनी हर परंपरा का खोकला स्पष्टीकरण और उसकी हास्यास्पद व्याख्या करना ज़रूरी नहीं है. <br />जब युग बदलता है तो हम खुद को क्यों न बदलें?<br /><br />Deleteगोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-54957175152729985192018-11-19T20:31:10.719+05:302018-11-19T20:31:10.719+05:30This comment has been removed by the author.गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-84710237215087448732018-11-19T18:32:37.166+05:302018-11-19T18:32:37.166+05:30हार्दिक आभारहार्दिक आभारविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-17961532844012039712018-11-19T18:27:43.876+05:302018-11-19T18:27:43.876+05:30हार्दिक आभार छोटी बहनाहार्दिक आभार छोटी बहनाविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-2442831629774069892018-11-19T17:54:03.819+05:302018-11-19T17:54:03.819+05:30सही बात।सही बात।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-44547075458960809782018-11-19T16:50:12.495+05:302018-11-19T16:50:12.495+05:30आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ...आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' १९ नवंबर २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br /><br /><br /> टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।<br /><br /><br /><br />आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य''एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-32372588498154070932018-11-17T14:50:27.599+05:302018-11-17T14:50:27.599+05:30वाह आस्था के ये आयाम भी ,अद्भुत।वाह आस्था के ये आयाम भी ,अद्भुत।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.com