tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post27681451835956832..comments2024-03-26T13:46:52.739+05:30Comments on "सोच का सृजन": " पापा " की पुण्यतिथि.... :(:(विभा रानी श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-22407099168278059432021-04-11T07:39:11.653+05:302021-04-11T07:39:11.653+05:30हम स्त्रियाँ इतना सहती ही क्यों हैं क्या हमारे मात...हम स्त्रियाँ इतना सहती ही क्यों हैं क्या हमारे माता पिता कुछ नहीं है उनके लिए उनके माता पिता को जरा सी छींक भी आ जाए तो घर सिर पे उठा लेते हैं हम तो भेदभाव नहीं करते उनकी मां को अपनी मां से बढ़कर सेवा करते हैं उनके पिता को अपने पिता से ज्यादा मान देते हैं फिर वो क्यों नहीं करते ऐसा?Shakuntlahttps://www.blogger.com/profile/03789132133483681585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-73748252090259763412020-11-27T09:38:50.977+05:302020-11-27T09:38:50.977+05:30नारी की विडंबना है यह। नारी की विडंबना है यह। Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-45872558276751132572020-05-29T07:52:31.659+05:302020-05-29T07:52:31.659+05:30ऐसा ही मेरे साथ हुआ था ,इसलिए मैं आपकी तकलीफ को बह...ऐसा ही मेरे साथ हुआ था ,इसलिए मैं आपकी तकलीफ को बहुत ही अच्छी तरह समझ सकती हूं ,आपकी पोस्ट को पढ़ते हुए मुझे अपने पिता जी की याद आ गई ,और मेरी आँखें भर आईं ,अपनी बेबसी पर मुझे भी अफसोस हुआ ,मैं भी इसी तरह उनके पुण्यतिथि पर उन्हें याद करके बहुत दुखी हो जाती हूँ ,और अपने डायरी में मन की उथलपुथल को लिख डालती हूँ ,मेरी मजबूरी ने मुझे यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि लड़की होना ठीक नहीं ,अच्छा लगा यहाँ पर आकर,शुभ प्रभात ,नमनJyoti Singhhttps://www.blogger.com/profile/04419073316265642693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-35002539915839360502013-05-27T19:50:02.582+05:302013-05-27T19:50:02.582+05:30Bahut achchaa likha hai Vibhaji aap ne.
vinnieBahut achchaa likha hai Vibhaji aap ne.<br />vinnieAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/12633190147491201642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-56217024503825478542012-02-04T12:52:00.725+05:302012-02-04T12:52:00.725+05:30विभा जी ,
आपकी भावनाओं को पढ़ मन उदास हो गया .. ज...विभा जी , <br />आपकी भावनाओं को पढ़ मन उदास हो गया .. जिसके लिए स्त्रियां सारी उम्र साथ गुजारती हैं न जाने क्यों वही उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं और इसका उनको इल्म तक नहीं होता .. और जब ऐसे नाज़ुक क्षणों में भावनाएं आहत होती हैं तो आक्रोश में ही सही पर ऐसे निर्णय लेने पर बाध्य हो जाता है जैसा कि आपने पुरी जाने का निर्णय ले कर किया .. <br /><br />आपकी इस पोस्ट से मेरी जिंदगी के किताब के कुछ पन्ने भी फडफडा कर खुल गए .संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-84957608513182079572012-02-04T12:48:10.563+05:302012-02-04T12:48:10.563+05:30मन को छूती हुई यह पोस्ट पापा जी को नमन .. ।मन को छूती हुई यह पोस्ट पापा जी को नमन .. ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-80158036586421090422012-02-04T11:35:47.744+05:302012-02-04T11:35:47.744+05:30नमन पिता जी को!नमन पिता जी को!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-33194251595857446382012-01-12T10:49:52.698+05:302012-01-12T10:49:52.698+05:30विनम्र श्रधांजलि पिता जी को..विनम्र श्रधांजलि पिता जी को..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-12398496579107668062012-01-10T10:53:31.836+05:302012-01-10T10:53:31.836+05:30पापा जी को नमनपापा जी को नमनसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-38534284529717537542012-01-08T19:20:42.780+05:302012-01-08T19:20:42.780+05:30बहुत मर्मस्पर्शी...बेटियों की शादियों के बाद बहुत ...बहुत मर्मस्पर्शी...बेटियों की शादियों के बाद बहुत सी मज़बूरियां हो जाती हैं...लेकिन माता पिता इनसे अनजान नहीं होते..उनकी आत्मा इसको महसूस करती होगी..यद्यपि कुछ न कर पाने की कशक तो हमेशा रहती है..आपके पिताजी को विनम्र नमन..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-39713365249115314762012-01-07T22:53:24.017+05:302012-01-07T22:53:24.017+05:30पिता के प्रति ऐसी भावना केवल एक बेटी ही रख सकती है...पिता के प्रति ऐसी भावना केवल एक बेटी ही रख सकती है। पछतावा तो रहेगा ही मगर अब तों कुछ हो नहीं सकता। क्यूंकि जाने वाले कभी लौटकर तो आ नहीं सकते। इसलिए कोशिश कीजिये की अपने इस पछतावे को भूलकर या अनदेखा कर ज़िंदगी मे आगे बढ्ने का प्रयास कीजिये....Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-23282325422998491362012-01-07T20:56:07.566+05:302012-01-07T20:56:07.566+05:30मन की भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति,स्वभाविक है कि य...मन की भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति,स्वभाविक है कि ये कसक जीवन भर बनी रहेगी ......<br />WELCOME to<a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/blog-post.html#links" rel="nofollow">--जिन्दगीं--</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-509725225209611442012-01-07T10:37:01.736+05:302012-01-07T10:37:01.736+05:30पापा का अंतिम दर्शन तो कर ली... :( :( दाह-संस्कार ...पापा का अंतिम दर्शन तो कर ली... :( :( दाह-संस्कार के समय तक नहीं रही.... :( छ: को गई , सात के सुबह चार बजे लौटी , दोपहर के तीन बजे पूरी की ट्रेन थी.... !!विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-78586537268706801772012-01-07T10:26:25.315+05:302012-01-07T10:26:25.315+05:30मन की बेचैनी , पापा का जाना .... एक आवेश में आप पू...मन की बेचैनी , पापा का जाना .... एक आवेश में आप पूरी लौट गईं ... पर पापा को न देख पाने का दर्द , वह तो रहेगा न . जिसने भी इस दर्द को झेला है जीवन में , वही महसूस कर सकता है . सबसे पहले रिश्ते तो यही होते हैं नरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-542055893186779172012-01-06T10:12:32.884+05:302012-01-06T10:12:32.884+05:30सामाजिकता से परे बेटी की अधूरी चाह उसे गहे बगाहे उ...सामाजिकता से परे बेटी की अधूरी चाह उसे गहे बगाहे उदास करती ही है... पापा जी को नमनरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com