tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post4322858399543065858..comments2024-03-26T13:46:52.739+05:30Comments on "सोच का सृजन": "बड़प्पन"विभा रानी श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-11333580998846271502020-12-23T21:29:45.766+05:302020-12-23T21:29:45.766+05:30 अति सुन्दर सृजन,जीवंत व रिश्तों का सुन्दर प्रवाह ... अति सुन्दर सृजन,जीवंत व रिश्तों का सुन्दर प्रवाह लघु कथा में परिलक्षित होता है । Shantanu Sanyal शांतनु सान्यालhttps://www.blogger.com/profile/06457373513221191796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-51188321186152506002020-12-23T21:00:18.795+05:302020-12-23T21:00:18.795+05:30बहुत बहुत सुन्दर बहुत बहुत सुन्दर आलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-64883764645208797432020-12-23T18:33:19.526+05:302020-12-23T18:33:19.526+05:30देर आते दुरुस्त आये।
रिश्तों में खटास पड़ने से पहल...देर आते दुरुस्त आये।<br />रिश्तों में खटास पड़ने से पहले बात साफ करनी बेहतर है। <br />शिक्षा देती लघु कर।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-31364987496381469932020-12-23T16:51:40.904+05:302020-12-23T16:51:40.904+05:30"वो आधी-अधूरी बात सुनी और रिश्तों में सूनापन ..."वो आधी-अधूरी बात सुनी और रिश्तों में सूनापन ला दी, और मैं कान के विष के वशीभूत अशान्ति फैलाने में सफल रहा...,"ऐसे ही तो रिश्तों में दरारे आती है,सजग करती रचना,सादर नमन दी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-65692316513272132020-12-23T12:20:55.983+05:302020-12-23T12:20:55.983+05:30मननीय ।मननीय ।Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-21428335437847859562020-12-22T22:57:18.336+05:302020-12-22T22:57:18.336+05:30कोई बात नहीं ! हो जाता है कभी-कभी, समय रहते दरार प...कोई बात नहीं ! हो जाता है कभी-कभी, समय रहते दरार पाट लेनी चाहिए<br />बहुत सटीक सुन्दर एवं सार्थक सृजन।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-60334269091928262352020-12-22T19:21:34.276+05:302020-12-22T19:21:34.276+05:30रिश्तो को जोड़े रखने के लिए थोड़ा संयम जरूरी है। सार...रिश्तो को जोड़े रखने के लिए थोड़ा संयम जरूरी है। सारगर्भित कहानी।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-84390315967813541602020-12-22T18:53:48.149+05:302020-12-22T18:53:48.149+05:30समय रहते रिश्तों को जोड़ लेना चाहिए ... सच कहा है आ...समय रहते रिश्तों को जोड़ लेना चाहिए ... सच कहा है आपने ...<br />सुन्दर आलेख ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-80981768097289343122020-12-22T15:19:54.840+05:302020-12-22T15:19:54.840+05:30आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (23-12-2020)...आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (23-12-2020) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "शीतल-शीतल भोर है, शीतल ही है शाम" (चर्चा अंक-3924) </a> पर भी होगी। <br />-- <br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। <br />-- <br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। <br />सादर...! <br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' <br />--डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-58165022330160766522020-12-22T13:27:28.976+05:302020-12-22T13:27:28.976+05:30सस्नेहाशीष व असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार छ...सस्नेहाशीष व असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार छोटी बहनाविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-32303748859679523812020-12-22T12:22:15.919+05:302020-12-22T12:22:15.919+05:30आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में&q...<i><b> आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 22 दिसंबर 2020 को साझा की गई है....<a href="https://mannkepaankhi.blogspot.com/" rel="nofollow"> "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-41904170648789286122020-12-22T11:26:13.703+05:302020-12-22T11:26:13.703+05:30रिश्तों में कभी-कभी ऐसे मोड़ आते हैं परंतु वही बात...रिश्तों में कभी-कभी ऐसे मोड़ आते हैं परंतु वही बात सत्य है जो आपने आखिरी पंक्ति में कही है कि समय रहते दरार पाट लेनी चाहिए ..पारिवारिक रिश्तों को बयान करती सारगर्भित रचना..जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-11813565250131242372020-12-22T09:39:25.082+05:302020-12-22T09:39:25.082+05:30बहुत सुन्दर।बहुत सुन्दर।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com