tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post4673362465130717802..comments2024-03-26T13:46:52.739+05:30Comments on "सोच का सृजन": "षड़यंत्र"विभा रानी श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-41069125190387380012018-08-06T23:40:33.557+05:302018-08-06T23:40:33.557+05:30वाह दीदी -- ये तो बहुत ही सुघढ़ता से कितने कम शब्दो...वाह दीदी -- ये तो बहुत ही सुघढ़ता से कितने कम शब्दों में आपने अपनी बात निपटा दी | सावधानी हटी दुर्घटना घटी का सोचना हरेक का अधिकार है | सादर --रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-81891108304565294722018-08-06T17:29:31.267+05:302018-08-06T17:29:31.267+05:30आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ...आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' ०६ अगस्त २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br /><br /><br /> टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।<br /><br /><br /><br />आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'<br /><br /><br /><br />'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-71498571567369630142018-08-05T10:28:21.025+05:302018-08-05T10:28:21.025+05:30एक सच ये भी। सुन्दर।एक सच ये भी। सुन्दर।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-26058178055787177522018-08-05T07:26:22.495+05:302018-08-05T07:26:22.495+05:30सस्नेहाशीष संग आभारी हूँसस्नेहाशीष संग आभारी हूँविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-49497788474828114462018-08-04T19:05:31.588+05:302018-08-04T19:05:31.588+05:30आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में"...<i><b> आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 05 अगस्त 2018 को साझा की गई है.........<a href="http://halchalwith5links.blogspot.in/" rel="nofollow"> http://halchalwith5links.blogspot.in/ </a>पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.com