tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post9141891951168354899..comments2024-03-26T13:46:52.739+05:30Comments on "सोच का सृजन": विश्व परिवार दिवसविभा रानी श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-8381254662588191652020-05-16T00:59:29.188+05:302020-05-16T00:59:29.188+05:30आपकी बातों से बिलकुल सहमत हूँ.. रेलवे पटरी पर दम त...आपकी बातों से बिलकुल सहमत हूँ.. रेलवे पटरी पर दम तोड़ती.. घर वापसी की तस्वीरों में - खबरों में हालात जाहिर हो रहे हैं.. बहुत ही भयावह परिस्थितियों से सामना करने के लिए तैयार रहना है.... फिर भी सावन-भादो की अमावस्या की काली गहरी रात में एक जुगनू दिख जाए तो उस प्रकाश में उम्मीद जगती है... वो कहते हैं डूबते को तिनके का सहारा.. किसी को बीस हजार सैलरी मिली हो और उसमें से पंद्रह हजार गरीबों में बाँट दे.. भारत में बहुत चमत्कार होते रहते हैं.. मेरे आस-पास के बच्चों की टोली खोज-खोज कर भूखों को खाना, दवा पानी देने के लिए मुस्तैद से तैनात हैं... जब भी सकारात्मकता फैलाने का मौका मिले.. बस प्रयास करते रहना है...विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1547628931250007957.post-6224404909816886902020-05-15T19:11:50.271+05:302020-05-15T19:11:50.271+05:30जो देशवासी कैलिफोर्निया तक पहुँचे उन पर पैसों को ल...जो देशवासी कैलिफोर्निया तक पहुँचे उन पर पैसों को लेकर अविश्वास नहीं करेंगे फिर वसुधैव कुटुम्बकम हुआ न....यहाँ एक भिक्षुक बुखार से तड़पता मेडिकल स्टोर पर हाथ फैलाकर दवा के लिए गिड़गिड़ाते देखा जा सकता है...।<br />चलो कहीं तो है वसुधैव कुटुम्बकम।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.com