बैंगलोर में “ 26th Indian Engineerning Congress “ में शामिल होने पुरे हिन्दुस्तान से Engineers और उनके परिवार , और T.C.S , Isro , malu group , Surya Construction , Consultancy Company etc के guset और Russia , Japan , Lanka , Nepal , korea etc. से delegate - guest आये हुए है , एक नेता ( जिन्हें प्रोग्राम का उद्दघाटन करने के लिए बुलाया गया था ) अपना भाषण देने मंच पर आये और भाषण English में शुरू करते है , थोड़े देर में उनका भाषण English से कन्नड़ में बदल जाता है…. कन्नड़ , जब हम बिहारियों को समझ में नहीं आ रहा था , तो उन विदेशियों को क्या आ रहा होगा…. ? नेता जी को जब English आती थी , वे अपनी क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग क्यों किये…. ? अगर बतमीजी नहीं होती , मैं उसी समय उस नेता से सवाल करती , यह जगह vote मांगनें का स्थान तो है नहीं.... ? वे स्वयं एक Engineer, इस बात को नहीं समझ रहे होगें…. ? मैं English को बढ़ावा नहीं देना चाह रही हूँ , मौका ऐसा था जिसमे हिंदी सभी को समझ में नहीं आता…. !!
शाम में मनोरंजन के लिए , सांस्कृतिक कार्यक्रम में नाचना - गाना - बजाना भी कन्नड़ में…. भोजन भी कन्नड़ स्वाद का…. J

इतनी संकीर्णता आ गई है कि ऊपर उठकर ये सोच ही नहीं सकते ... भरत कहाँ है , यहाँ तो प्रान्त - प्रान्त, जाति- धर्म में सब सिमटे हैं
ReplyDeleteहम क्षेत्रीयेता से अपने को ऊपर उठा , क्यों नहीं अलग कुछ कर पाते…. ? prashan satik hai ..
ReplyDeleteअरे यार, ये तो सच में मजेदार और थोड़ी निराशाजनक घटना लगती है। मैं समझ सकता हूँ कि इतने सारे विदेशी और अलग-अलग राज्यों के लोग आए थे, तो English या हिंदी में बात करना ज़रूरी था। नेता जी ने अचानक English से कन्नड़ में क्यों बदल दिया, यह सच में confusing था।
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