समय के साथ साथ सोच बदलता है या अलग अलग मनुज की अलग अलग सोच होती ही है ... समय काल कोई भी हो
मेरी शादी में एक दूर के रिश्ते की ननद से मेरी मुलाकात दो चार दिनों की हुई वो बहुत सुलझी हुई लगी
एक दो साल बाद उनकी भी शादी हुई ..... मेरी जब उनसे मुलाकात हुई तो मैं उनसे पूछी .... आप सम्बन्ध विच्छेद कर नई जिंदगी क्यों नहीं शुरू करती हैं .... उनका जबाब था जैसी किस्मत मेरी ..... उनमें एक ही कमी है , वैसे वे बहुत अच्छे इंसान हैं .... फिर कौन जानता है, दूसरा कैसा इंसान मिले ... इतने अनाथ बच्चे हैं दुनिया में किसी को गोद ले अपने आँचल भर लुंगी....
करीब 29 - 30 बाद मेरे पड़ोसी की लड़की की शादी हुई ...
फिर एक बार लड़के वालों के धोखे की शिकार एक लड़की हुई
लड़की दो तीन दिन में ही लड़के को तलाक दे अपने नौकरी पर लौट गई
दोनों लड़की के नजरिये से मुझे दोनों का निर्णय मुझे सही लगा .....
किसी ऐसे मनुज के साथ रहना जिंदगी भर ; जो ना स्त्री हो और जो ना पुरुष हो .......
हमेशा हमें अपने सहनशीलता को खुद के लिए तौलते रहना चाहिए ...... क्षमता के अनुसार ही सहना चाहिए
मेरी शादी में एक दूर के रिश्ते की ननद से मेरी मुलाकात दो चार दिनों की हुई वो बहुत सुलझी हुई लगी
एक दो साल बाद उनकी भी शादी हुई ..... मेरी जब उनसे मुलाकात हुई तो मैं उनसे पूछी .... आप सम्बन्ध विच्छेद कर नई जिंदगी क्यों नहीं शुरू करती हैं .... उनका जबाब था जैसी किस्मत मेरी ..... उनमें एक ही कमी है , वैसे वे बहुत अच्छे इंसान हैं .... फिर कौन जानता है, दूसरा कैसा इंसान मिले ... इतने अनाथ बच्चे हैं दुनिया में किसी को गोद ले अपने आँचल भर लुंगी....
करीब 29 - 30 बाद मेरे पड़ोसी की लड़की की शादी हुई ...
फिर एक बार लड़के वालों के धोखे की शिकार एक लड़की हुई
लड़की दो तीन दिन में ही लड़के को तलाक दे अपने नौकरी पर लौट गई
दोनों लड़की के नजरिये से मुझे दोनों का निर्णय मुझे सही लगा .....
किसी ऐसे मनुज के साथ रहना जिंदगी भर ; जो ना स्त्री हो और जो ना पुरुष हो .......
हमेशा हमें अपने सहनशीलता को खुद के लिए तौलते रहना चाहिए ...... क्षमता के अनुसार ही सहना चाहिए
समय रहते ठोस और निर्णायक कदम उठाना सही है
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