Friday 6 November 2020

'राष्ट्रीय चेतना'

भारत में धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यार्पण का मामला लन्दन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में अंतिम स्तर में पहुँचने के कारण अटकलें और सट्टाबाजार जोर पकड़ रही थी।
पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े करीब 11 हज़ार करोड़ से ज़्यादा के घोटाले के मामले में प्रत्यार्पण के खिलाफ लड़ रहे उन्नचास वर्षीय हीरा कारोबारी की पेशी के मामले में ताजा सुनवाई के लिए दक्षिण-पश्चिम लंदन में वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के माध्यम से होने, जिस दौरान डिस्ट्रिक्ट जज सैमुअल गूजी आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला साबित करने के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुहैया कराये गये कुछ साक्ष्यों की स्वीकार्यकता के खिलाफ नीरव के बचाव दल की दलीलों को सुनने..

भारतीय अधिकारियों की ओर से दलील रख रही क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) इस बात पर जोर देने वाली कि साक्ष्य उन आवश्यक मानकों को पूरा करते हैं जो ब्रिटेन की अदालत के लिए इस बारे में विचार करने के लिए जरूरी हैं कि नीरव मोदी का मामला भारतीय न्याय प्रणाली के समक्ष भेजे जाने योग्य है या..., ...नीरव मोदी आत्म समर्पण कर देता है...।

पत्रकारों की भीड़ नीरव मोदी को अपने घेरे में ले लेती है और प्रश्नों के बौछार करती है, "दण्ड के लिए कैसे तैयार हो गए?"

"इस वैश्विक युद्ध के भयावह काल में आत्मा जग गयी..!"

"कौन विश्वास करेगा...?"

"भारत में प्रायश्चित से साधु बना जा सकता है..! ...अंगुलिमाल और रत्नाकर ने विश्वास जीत लिया..!"

"दण्ड काल काटने के बाद की कोई योजना..?"

"कोशी क्षेत्र के भीम नगर में स्थापित होने का प्रयास करना...।"

...अगला सवाल उछलने के पहले सन्ध्याकाल में सो रही विभा रानी को उसकी बहू माया ने जगा दिया...।



9 comments:

  1. माया को विभा को थोड़ी और देर तक माया जाल में उलझने देना चाहिए था न! फिर सपने के पूरा होने पर ... "बीती, विभावरी! जाग री!!.."😀🙏🙏

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 06 नवंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका

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  3. बहुत खूब !!
    अंतिम पंक्ति के समापन के साथ ही बरबस हँसी आ गई । अति सुन्दर सृजन ।

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  4. बहुत खूब !!
    अंतिम पंक्ति के समापन के साथ ही बरबस हँसी आ गई । अति सुन्दर सृजन ।

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  5. सुन्दर प्रस्तुति

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  6. सारगर्भित, विचारोत्तेजक लेख


    साधुवाद 🙏
    सादर,
    डॉ. वर्षा सिंह

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