आज अंतिम दिन पितृपक्ष का कल से नवरात्र शुरू
जान में जान हो
जाने में राह आसान हो
जान लें जाना कहाँ है
जाने से पहले
आत्मतृप्ति के बाद आत्मा तृप्ति की जरूरत नहीं होती
तीन में कि तेरह में
एक बार चाची(पड़ोसन) से बातचीत के दौरान पता चला इसका सही सही अर्थ
चाची बताई कि
मिथिला में बेटियां तीन दिन में अपने माता पिता का श्राद्ध करती हैं
और बेटे तेरह दिन में
मिथिला में बेटियों का कन्यादान तिल विहीन किया जाता है इसलिए तिल भर सम्बन्ध या यूँ कहें दायित्व निभाने की जिम्मेदारी मिल जाती है
वहीं छपरा जिला में बेटियां ना तीन में ना तेरह में होती हैं
लेकिन
बेटे बहुत लायक होते हैं तो बेटियां चैन से रहती हैं
~~
बेटे बहुत लायक होते हैं?
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर रचना की प्रस्तुति। मेरे ब्लाग पर आपका स्वागत है।
ReplyDeleteपंक्तियाँ खुद में कई अर्थ समेटे है, चौथी पांचवी और अंतिम पंक्ति बेहद असरदार है।
ReplyDeleteपंक्तियाँ खुद में कई अर्थ समेटे है, चौथी पांचवी और अंतिम पंक्ति बेहद असरदार है।
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