मिटा ले सकते हो चिह्न नक्शे से कतलाम तक पहुँचा दो
चूहे बिल्ली का खेल चलते रहना अभिराम तक पहुँचा दो
मुझसे कायर तब कहना जब लाशों में अपनो को खोजना
हिरोशिमा के अपरिपक्कवता को फरजाम तक पहुँचा दो
लो!
खब्ती
दोचित्ती
अंत अरि
जय जवान
ज्यों पीली पत्तियाँ
छीन ली गई धरी।{01.}
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ओ!
घाल
जवाल
नटसाल
अरि तंद्राल
भू-पुत्र कराल
गुरू जय जवान। {02.}
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सस्नेहाशीष व शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार छोटी बहना
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर रचना ,सादर नमस्कार आप को
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
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