Sunday 11 June 2023

अपाहिज

 अपाहिज


"अपरिहार्य कारणों से मेरी शादी स्थगित हो गई है। मानसिक स्थिति ठीक होते ही मैं खुद बात करूँगा।"

"धैर्य बनाए रखना•••,"

"लड़कीवाला सब फ्रॉड निकला। शादी बड़ी बेटी से करवाना था। फ़ोटो छोटी बेटी का भेजा। फ़ोन और वीडियो कॉल पर छोटी बेटी रहती थी। बड़ी बेटी बचपन से पागल है। छोटी सुंदर है तो उसकी शादी पहले से फिक्स है। लेकिन बड़ी बेटी के कारण उसकी शादी हो नहीं रही थी। तो उन लोगों ने मेरे पर एटेम्पट लिया कि हो जाये तो हो जाये।"

"लड़की वालों पर सब दया दिखलाते हैं। जबकि जितना कांड हो रहा है, लड़की वाले करते हैं और आजकल लड़की की होशियारी का तो कुछ हद ही नहीं है•••। स्त्री विमर्श का काला पक्ष।"

"प्लानिंग था कि शादी छोटी से करवाया जाता और विदाई के समय बड़ी को भेज दिया जाता।"

"वक्त के खेल के आगे सबकी जो मजबूरी हो जाए••।"

"छेका के अगले दिन ही पता चल गया।"

"कोई अगुवा होगा?"

"मेरी अपनी मौसी की बड़ी गोतनी की छोटी बहू लड़की की अपनी चेचेरी बहन है।उसने पहले कहा था कि लड़की बहुत अच्छी है।"

"पिटाने लायक तो वही है। उसकी ऐसी क्या मजबूरी थी जो इस साज़िश का हिस्सा बन गयी?"

"और जिस दिन कैंसिल हुआ उस दिन मुकर गयी कि आप लोग खुद पता कर लिए होते। कल उसको फोन किये और बोले कि आपके पूरे परिवार का खून खराब है। और आपके घर मे जितनी भी बेटी और बहन सबको कोठा पर बैठा देंगे। और अगले बार से मेरे बारे में पता करने का कोशिश कीजियेगा तो बीच से चीर देंगे। उसके बाद मेरी मौसी मुझे फ़ोन पर डांटने लगी

"अपशब्द बोलने से अपना संस्कार खराब होता है। कोई गाली ऐसी नहीं बनी है जो दोषी/अपराधी को सीधे-सीधे कहा जा सके। शादी और बहूभोज की तैयारी में पैसा तो बहुत बर्बाद हो गया लेकिन भविष्य की परेशानियों से बचना हो गया। स्त्री विमर्श का काला पक्ष है, कानून का दुरुपयोग और स्वतंत्रता का अर्थ स्वच्छन्दता समझ लेना•••।"


4 comments:

  1. ऐसा भी होता है! सही में यह भी एक सोचनीय पक्ष है जो बड़ी सजीवता से यहां उभर कर आया है।

    ReplyDelete
  2. ओह!!!
    बड़े धोखे हैं...
    स्त्री विमर्श का काला पक्ष
    सचमें क ई बातें सामने आ रही है इसी तरह फायदे उठाये जा रहे हैं स्त्री होने के भी...।

    ReplyDelete

आपको कैसा लगा ... यह तो आप ही बताएगें .... !!
आपके आलोचना की बेहद जरुरत है.... ! निसंकोच लिखिए.... !!

लिट्टी-चोखा

आखिर कहाँ से आया 'लिट्टी-चोखा' और कैसे बन गया बिहार की पहचान.... लिट्टी चोखा का इतिहास रामायण में वर्णित है। ये संतो का भोजन होता था...