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क्या मेरी बात रानी जी से हो सकती है?
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जी! जी नमस्ते! मेरा नाम डॉ सुनील दत्त मिश्र है। मैं आपसे मिलना चाह रहा था। आपने कहा था कि हम जब कभी आपके शहर में आयें तो आपको सूचित अवश्य करें।
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पूरी पढ़ाई करने के बाद, नौकरी करने जो बच्चे विदेश चले जाते हैं उन बच्चों पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए क्योंकि वे बच्चे समाज के ऋण को लेकर भगोड़ा हो जाते हैं। महोदया दूसरे राज्य के साहित्यिक-सांस्कृतिक मंच से ऐसी माँग को रखने वाली दिलेर माँ को कोई कैसे भूल सकता है!
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क्या फर्क पड़ा? मेरे गाँव में भी खुशियों की लहर दौड़ रही है!
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हम सब यानी मेरा भाई, बेटा, भतीजा, भगिना उस कार्यक्रम में उपस्थित थे जो दुबई के संग विदेश के अनेक राज्यों में धन उगाई करने वाले आपकी ओज से ओत-प्रोत वाणी सुनकर इतने प्रभावित हुए कि धीरे-धीरे देश वापसी कर रहे हैं! सोने पर सुहागा कि गाँव के अन्य युवा नहीं जाने का सोच रहे हैं, जबकि गाँव शहर के बच्चों में पहले होड़ मची थी•••!
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सच में! इसलिए तो मैं आपसे मिलकर आपको धन्यवाद देना चाह रहा था।
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अच्छा! अच्छा आप आ रही हैं और शहीद स्मारक (सात शहीदों की एक जीवन-आकार की मूर्ति है) के पास होने वाले कार्यक्रम में आमंत्रित कर रही हैं!
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पूछ रही हैं कि आऊँगा? सर के बल दौड़ा आऊँगा! मेरे मन के थल पर अँकुरा आपके लिए सम्मान का बीज आपके इस स्नेह के जल, पवन, किरण पाकर बने वट को और कुछ नहीं चाहिये...! जय हिन्द!
Wednesday, 16 August 2023
जमात करामात
ट्रिन••• ट्रिन••• ट्रिन•••
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कंकड़ की फिरकी
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“हाइकु की तरह अनुभव के एक क्षण को वर्तमान काल में दर्शाया गया चित्र लघुकथा है।” यों तो किसी भी विधा को ठीक - ठीक परिभाषित करना ...


सुन्दर |
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