हाइकु
5-7-5
लहरा आता
क्षणिक भावावेश
वो जीता जाता
होश गंवाता
देखा सत्य सामने
खिसक लेता
~~
संख्या का
खेल छोडो
एक सता
एक बिपक्ष
सम्भाल लो
मंशा समझो
तेलिया के
तीन चांस
मत खेलो ....
~~
बिपक्ष मजबूत होनी ही चाहिए
बिगड़ैल हाथी पर
महावत के अंकुश जैसी
जिसमें लोभ - मोह नहीं हो
......................
पुष्ट घरौंदा
पैबंद लगा देता
रिसते रिश्ते
~~~
पुष्ट घरौंदा
ReplyDeleteपैबंद लगा देता
रिसते रिश्ते ... बहुत सुन्दर भाव छिपा है इसमें..
बिपक्ष मजबूत होनी ही चाहिए
ReplyDeleteबिगड़ैल हाथी पर
महावत के अंकुश जैसी
जिसमें लोभ - मोह नहीं हो
:)
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dinodin nikhaar
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव .....
ReplyDeleteबिपक्ष मजबूत होनी ही चाहिए
ReplyDeleteबिगड़ैल हाथी पर
महावत के अंकुश जैसी
जिसमें लोभ - मोह नहीं हो
...तभी तो कहा गया है कि मजबूत विपक्ष से ही सरकार सही प्रदर्शन कर पाती है.
बहुत खूब ... सच कहा है .. अब दिल्ली कबूल करो ...
ReplyDeleteसभी के सभी बहुत बढ़िया |
ReplyDeletewah
ReplyDeleteदिल के भावों ने शब्दों के सुंदर रूप बिखेरे हैं ......
ReplyDeleteबहुत सुंदर आदरणीय धन्यवाद
ReplyDeleteसम सामयिक, सुंदर और संक्षिप्त
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