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पलट देखो .... नाइन और सिक्स .... जिन्दगी रूप
हर्ष विषाद … दो हो एक हो जाए .... बातें चिद्रूप
उलट सीखो ..... छत्तीस ,तिरसठ .... आत्मा जो चाहे
पिच्छिल मनु .... उल्टा सोच के संगी .... तम की कूप
भू स्वर्ग हारा
डल खो दिया बल
जल प्रलय।
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गृह बुजुर्ग / थके बोझ उठाये / हरि में ध्यान
वय आहुति / पकी वंश फसल / गांठ में ज्ञान
कार्य में दक्ष / जीवन का आधार / सकल स्तंभ
जीवन संध्या /स्नेह की प्रतिमूर्ति / चाहे सम्मान
चन्द्र के दाग
धोने दौड़े उर्मियाँ
पूनो की रात।
बहुत सुंदर हायकू.
ReplyDeleteनई पोस्ट : चपत लगाने से पहले
बेहतरीन हाइकु , आ. धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 18 . 9 . 2014 दिन गुरुवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ..... स्नेहाशीष
Deleteछोटे-छोटे पैने-पैने मुक्तक हाइकू !
ReplyDeleteअसर करें, जैसे मन पर छा जाता है जादू !!
बहुत खुबसूरत दी
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर
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