पूजनीय भैया
सादर प्रणाम
यहाँ सब कुशल है । आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है आप लोग भी सकुशल होंगे ।
दोनों भाभी व बाबू से बात हुई तो मैं अति उत्साह में बोली कि इस बार मैं किसी को राखी नहीं भेजूंगी ।। शनिवार दिन है ; बैंक आधे दिन का होता है तो राखी के कारण वो आधा दिन भी छुट्टी में , छोटे भैया की छुट्टी । आप इसी साल रिटायर्ड किये हैं तो छुट्टी ही छुट्टी । बाबू टूर ले लेगा ; दूसरे दिन रविवार तो किसी को कोई समस्या नहीं , आसानी से आना हो सकता है ।
जब से होश सम्भाली हूँ ; राखी और जन्मदिन हर्षोल्लास से मनाती आई हूँ लेकिन दोनों एक दिन कभी नहीं मनाई , पड़ा ही नहीं न किसी साल एक दिन ही । इस साल एक दिन पड़ने से अति उत्साहित हूँ ; एकदम छोटी सी बेबी फिर जीने लगी है , उम्र का क्या वो तो भूलने में लगी है ।
जैसे जैसे दिन नजदीक आने लगे सोच बचपने पर हावी होने लगे ; अगले पल का ठिकाना नहीं ; सावन का मौसम तबीयत किसी की खराब हो सकती है । ये तो जबरदस्ती हो गई न विवश करना ; वो भी इमोशनल ब्लैकमेलिंग । ब्याही बहना का एक हद होता है , भाभी का कुछ प्रोग्राम हो सकता है । किसी कारणवश कोई भाई ना आ पाये और मैं राखी भी न भेजूं तो तब अफसोस का क्या फायदा होगा ।
राखी भेज रही हूँ लेकिन नाउम्मीद नहीं हूँ । प्रतीक्षा तो नैनों को रहती है , आस में दिल होता है । कमबख्त दिमाग बहुत सोचता है ।
व्यग्र बहना
ले अक्षत व डोरी
ताके ड्योढ़ी
सबको यथायोग्य प्रणामाशीष बोल देंगे मेरी ओर से
आशीष की आकांक्षी
आपकी छोटी बहना
बेबी
जिसकी शंका थी वही हुआ न
छोटे भैया का फोन आया ; उनकी बदली होने वाली है तो वे शायद ना आ सकें
दिल दिमाग की जंग में जीत दिमाग की हो तो बात दिमाग की मान लेनी चाहिए
है न
आभारी हूँ छोटी बहना
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद आपका
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 20 - 08 - 2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2073 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
सही कहा आपने.
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण..शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण..शुभकामनाएं
ReplyDeleteभावपूर्ण पाती ... सच कहा है आपने ...
ReplyDeleteभावपूर्ण पाती लिख डाली ताई जी
ReplyDeleteमुस्कराहट तैर गयी......
ReplyDeleteबहूत ही भाव पूर्ण पाती,
ReplyDelete