असफलता पै नसीहतें नश्तर सा लगता है
स्याह गुजरता पल शैल-संस्तर सा लगता है
बढ़ाता आस तारीफ पुलिंदा अग्नि-प्रस्तर सा
जन्म लेता अवसाद दिवसांतर सा लगता है
शरारत मिले फौरन आदत बना लेना
पढ़ कर तीस पारे इबादत बना लेना
इतफाक न मढ़ा शहादत गले लगाना
मुस्कुराना हलाक जहालत बना लेना
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