Tuesday 6 December 2016

डर से आगे जीत





तिनका हूँ खुद का वज़ूद ही कितना
चलती गई जिसने राह बताई जितना

    


एक साल के बाद वो घड़ी आ ही गई
अपने किये वादों के अनुरूप एक दिन पहले पटना आये अतिथि

 


हाइकु लिखते समय
छोटे छोटे कम वर्ण के शब्द चुने
और
चुकि आधे वर्ण की गिनती नहीं होती
तो
ऐसे शब्द चुने जिनमें आधे वर्ण हो
! ये चिह्न लगे शब्द भी महत्वपूर्ण होते हैं
श्री भट्ट जी की ये बताई बातें हमें बहुत पसंद आई 




तलाश जारी
एक सौ इक्यावन
शत के बाद





2 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 8 - 12- 2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2550 में दिया जाएगा ।
    धन्यवाद

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    1. आभारी हूँ
      बहुत बहुत धन्यवाद आपका
      शत के बाद 151 में भी आपकी प्रतीक्षा रहेगी
      सादर

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आपको कैसा लगा ... यह तो आप ही बताएगें .... !!
आपके आलोचना की बेहद जरुरत है.... ! निसंकोच लिखिए.... !!

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