माँ
रिश्ते में बहू से मुलाकात वर्षो बाद हुई ....
बात-चीत के क्रम में ....
आपबीती सुनते सुनाते दौरान ,
बहू अपने पति की जुल्म की इंतहा सुनाने लगी ...
फिर वो अपने आप को दिलासा भी देती जाती ....
इसी क्रम में वो बताई कि
जब उसका पति छोटा था ....
एक दिन सास(पति की माँ) पुआ तल रही थी ,
पति दौड़ता आया और माँ से पुआ की मांग कर बैठा ....
माँ ,खौलते घी से पुआ निकाल कर ,
खौला पुआ ,बेटे के हथेली पर रख दी ....
पुआ की चाह ....
बेटे ने हथेली को बचाने के चक्कर में पुआ मुंह में डाल लिया ....
हथेली ,मुंह और पेट की जलन ,
उस बेटे को औरत के प्रति क्रूर बना दिया ...
बेटे से छोटी सी भी गलती हो जाती .... माँ मारते-मारते लहूलुहान कर देती ....
वही बेटा जब पत्नी के साथ जुल्म करता तो
माँ कहती मर्द है .... मर्दांगी दिखा रहा है ....
सगी माँ का ये कैसा रूप ??
मुझे तो लगता है
माँ के हाथो में
मिल जाता है आसमां
तभी ,जब पहली बार
सुनती है माँ ....
http://sarasach.com/vibha-7/
रिश्ते में बहू से मुलाकात वर्षो बाद हुई ....
बात-चीत के क्रम में ....
आपबीती सुनते सुनाते दौरान ,
बहू अपने पति की जुल्म की इंतहा सुनाने लगी ...
फिर वो अपने आप को दिलासा भी देती जाती ....
इसी क्रम में वो बताई कि
जब उसका पति छोटा था ....
एक दिन सास(पति की माँ) पुआ तल रही थी ,
पति दौड़ता आया और माँ से पुआ की मांग कर बैठा ....
माँ ,खौलते घी से पुआ निकाल कर ,
खौला पुआ ,बेटे के हथेली पर रख दी ....
पुआ की चाह ....
बेटे ने हथेली को बचाने के चक्कर में पुआ मुंह में डाल लिया ....
हथेली ,मुंह और पेट की जलन ,
उस बेटे को औरत के प्रति क्रूर बना दिया ...
बेटे से छोटी सी भी गलती हो जाती .... माँ मारते-मारते लहूलुहान कर देती ....
वही बेटा जब पत्नी के साथ जुल्म करता तो
माँ कहती मर्द है .... मर्दांगी दिखा रहा है ....
सगी माँ का ये कैसा रूप ??
मुझे तो लगता है
माँ के हाथो में
मिल जाता है आसमां
तभी ,जब पहली बार
सुनती है माँ ....
http://sarasach.com/vibha-7/
बाल मन पर पड़ा प्रभाव भविष्य की दिशा तो निर्धारित करता ही है!
ReplyDeleteसच आश्चर्य होता है..सगी माँ का ये कैसा रूप देख कर ??
ReplyDeletevaah...........hare aalfaz gahera hai..bahut khub
ReplyDeleteजीवन के इस विरोधाभास की विडंबना कभी समझ ना आई....
ReplyDeleteदो चेहरे वाले इन्सान
ReplyDeleteमाँ के इस २ रूप कों मैंने समाज में महसूस किया हैं |एक रूप तो ममतामई हैं ,किन्तु दूसरा रूप सास के रूप में अति कठोर हैं ,कही कही मानवता कों भी टाक पर रख देती हैं |
ReplyDeleteऐसी घटनायें बालमन कभी नहीं भूल पाता है।
ReplyDeleteबच्चे को बनाने वाली उसकी माँ होती है .... ये कैसी माँ ??
ReplyDeleteबच्चे को बनाने वाली उसकी माँ होती है .... ये कैसी माँ ??
ReplyDeleteसशक्त और प्रभावशाली रचना.....
ReplyDeleteमाँ के ऐसे रूप की कल्पना भी नहीं होती है ...
ReplyDeleteपता नहीं क्यों ऐसा हो जाता होगा ...
कभी कल्पना भी नहीं कर सकता ऐसे रूप की.
ReplyDeleteCannot believe!A mother cannot be that cruel.
ReplyDeleteVinnie,