Thursday, 8 August 2013

सोच रही ....

देश के हालात पर लिखना
मूर्खता है ....

वो हालात और रहे होगें
ज़मीर ज़िंदा रहा होगा
जब कलम से लोग डरते होंगे ....

डर जाना कहो
हार जाना कहो
जज़्बात का ह्रास कहो
सुनता कौन है
 जिससे कुछ कहूँ

शुतुरमुर्ग के साथ रह रही
जिसकी फितरत रही
मुड़ी गाड़ दो
आया तूफान ,
टल जायेगा

सोच रही
सफेद कपड़े वाले का
खून भी होता सफेद क्या ?
मेरा खून भी
क्यूँ नहीं नहीं उबल रहा

थोड़ा संतोष
बलिदानी में
बिहारी भी



17 comments:

  1. आदरणीया ,सादर प्रणाम |
    अभी दशा तो नहीं बदली पर दिशा बदल रही है
    इधर कुछ दिनों से यह बात दिखने लगी है की लोग , भ्रष्ट और भ्रष्टाचार के खिलाफ़ मुखर हुए हैं और गोलबंद भी हो रहेहै ,अख़बार , मीडिया और चेनल्स पर दुर्गा शक्ति ने रिकॉर्ड तोड़ लोकप्रियता हासिल की है (कहते हैं अमिताभ भी पिछड़ गये हैं ) ,,,,एक सामान्य IAS ट्रेनी ने अपने कार्य निष्ठा और इमानदारी से इतने बड़े प्रदेश के CM और उनकी बटालियन को बौना कर दिया है .....इससे तीन बाते साफ़ हुईं हैं
    1 - इमानदारी में ताकत है
    2 - जनता उसके साथ आने और साथ देने को उत्सुक है ,जो ईमानदार हो .... जाति बिरादरी और धर्म सम्प्रदाय का खेल थोड़ा और चले शायद पर ज्यादा नहीं
    3 - भारत के युवकों को नेतृत्व नहीं चाहिए , वे खुद नेतृत्व करने को तैयार हो रहे हैं .......इमानदार नेतृत्व , इमानदारी का नेतृत्व
    महात्मा गांधी कहते हैं -“Strength does not come from physical capacity. It comes from an indomitable will.”
    “You can chain me, you can torture me, you can even destroy this body, but you will never imprison my mind.”
    उत्तम पोषण कैसे दे? ब्रेन कों !पढ़िए नया लेख-
    “Mind की पावर Boost करने के लिए Diet "

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  2. सही कही देश के हालत तो ख़राब है
    लेकिन इसी में परिवर्तन की.... कुछ अच्छे सोच की आवाज भी उठ रही है.... अच्छा संकेत है ...

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  3. सब चाहते हैं कि स्थितियाँ बदलें..उनके विश्वास की सम्मिलित शक्ति धरा को निराश नहीं करेगी।

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  4. शुक्रिया और आभार इस पोस्ट पर आने के लिए
    आपके कथन से पूर्णतया सहमत हूँ
    हार्दिक शुभकामनायें

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  5. अत्यन्त हर्ष के साथ सूचित कर रही हूँ कि
    आपकी इस बेहतरीन रचना की चर्चा शुक्रवार 09-08-2013 के .....मेरे लिए ईद का मतलब ग़ालिब का यह शेर होता है :चर्चा मंच 1332 .... पर भी होगी!
    सादर...!

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  6. सवाल यही है कब तक ये सिलसिला चलता रहेगा.

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  7. शुतुरमुर्ग वाली फितरत बदले, तब ही कुछ संभव है!

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  8. didi sach kaha...par hum sab koshish karte rahengay

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  9. अच्छाई और बुराई की रस्साकशी चल रही है ....
    दोनों ही तत्व हैं मौजूद .....भारत के घर महाभारत हो रहा है ....सत्य की ही विजय हो ऐसी आशा है ....!!

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  10. मैं अजय यादव जी के कमेंट्स से सहमत हूँ ,इसी लिए लिखते रहिये ,लिखना बंद मत कीजिये
    latest post नेताजी सुनिए !!!
    latest post: भ्रष्टाचार और अपराध पोषित भारत!!

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  11. वाह बहुत सुंदर

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  12. Very nice,Didi kyaa baata hai!
    Vinnie

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  13. हालत बहुत खराब है..अब तो बदलाव चाहिए ही चाहिए..

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  14. सही कही देश के हालत तो ख़राब है

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  15. देश के हालत तो ख़राब है परिवर्तन तो होना ही चाहिए,,,

    RECENT POST : तस्वीर नही बदली

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  16. बेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर
    अभिव्यक्ति.......

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