आठवें पुत्र
ज आठवें मुहूर्त (आठवें अवतार)
आठ पत्नियां
(कृष्ण ने आठ महिलाओं से विवाह किया- रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा )
वृषाही पद्मा
थे राधिका रमण
वे क्यूँ ना मिले ?
??
पयोमुख थे
पूतना संहार की
वृष्णि वरद
पयोमुख = दुध-मुंहा बच्चा
वृष्णि = यदुवंशी .... वरद = वर देने वाला
रास लीला की
औ लीलाधर बने
कालिंदी तीरे
तजे न लोभ
गोपीनाथ उपाधि
रुद्र को मिली ....
किया विहारी
रुक्मिणी हरण
विशोक किया
मो क्यूँ विसारे
वो कुब्जा उद्धारक
मीरा उबाल
भेज उद्धव
मिटाया ऊहापोह
पिट्टस मिटा
पिट्टस = दुख या शोक से छाती पीटना
प्रकाष्ठा पाया
गोपी उद्धव वार्ता
पिञ्जक हटा
पिञ्जक = आँख का कीचड़ , जिसके कारण साफ नहीं दिखलाई देता है ....
सखा चुकाया
बढ़ाई सखी साड़ी
पट्टी का मोल
माखन चोर
प्रिय कदंब डार औ
मुरली धुन
पारिजात ली
गोवर्धन उठा ली
हारे ही इन्द्र
नैया हो पार
जो जन जान जाये
गीता का सार
दीनदयाल
कृपा करो दयालु
कृपानिधान
~~
आपकी यह पोस्ट आज के (२६ अगस्त, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - आया आया फटफटिया बुलेटिन आया पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई
ReplyDeleteवाह !!! बहुत सुंदर बेहतरीन हाइकू ,,,
ReplyDeleteRECENT POST : पाँच( दोहे )
जय जय कृपानिधान
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ...
ReplyDeleteसुन्दर… दिव्य… कृष्णमय!
ReplyDeleteकृष्णार्पणम अस्तु!
सुंदर चित्रों के साथ सुंदर हाइकू .......बोलो वृन्दावन बिहारी लाल की जय
ReplyDeleteबहुत सुंदर बेहतरीन हाइकू
ReplyDeleteअति सुन्दर.
ReplyDeleteसर्वप्रथम मेरी नमस्ते स्विकार करें...
ReplyDeleteमैं टिप्पणी ही अच्छी रचना पर करता हूं...
सादर...
सत्य है श्रीकृष्ण जी सा चरित्र दूसरा किसी का न होगा...
वाह ,बहुत सुंदर हाइकू विभा ,.जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें-
ReplyDeleteumda haikuz .. manmohak prastuti ke sath .. subhkamnaye :) jai shree krishna
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति ..शुभ कामनाएं !!
ReplyDeletesundar chitron ke sath sundar hiku ....
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