Tuesday, 27 August 2013

चुनाव का सामूहिक वहिष्कार


चुनाव वहिष्कार का संकुचित अर्थ है
मतदान नहीं करना ....
मेरा आग्रह है ,मतदान होने नहीं देना ....
चुनाव प्रक्रिया में वे जनता भी शामिल होती है .....
जो मतदान करवाने के लिए पेटी ढोते हैं ....
जो मतदान करवाने के लिए एक जगह जमा होते हैं ....
जिनके अनुपस्थित होने पर
जो उन्हें गिरफ्तार करने जाते हैं ....
और सुरक्षा का भार भी ....
जिनके कंधे पर दुनाली भी होता है ,
 सजावट की चीज
बूथ लूटने वालो पर चलती नहीं  ....
गिरफ्तार हुई जनता पर
जो सज़ा सुनाते हैं ....
जो उस सज़ा को अमल में लाते हैं ....
जो सारे वहिष्कार करें तब तो होगा ना
चुनाव का सामूहिक वहिष्कार ….
तब ना पड़ेगा असर चुनाव - आयोग पर
गेंद अभी जनता के पाले में हैं ....
अभी गेंद जनता के पाले में है .... ??
मनवाइये चुनाव आयोग को ....
 बनवाइये एक पार्टी हो केंद्र और राज्य की
खिचा-तान बचे .... राग-तान अलग-अलग ना हो ....
नहीं तो अगला राज किसी बहनोई के साले की ही होगी ....
फिर हम कागज़ काला करने के स्थिति में भी नहीं होगे ....
अभी Central Bureau Of Investigation तोता है
कानून किसी नेता के दामन में फंसी नगरवधू ....
मैं एक ऐसे नेता को निजी तौर पर जानती हूँ ....
जिनकी जिंदगी की शुरुआत किसी के
 गैरेज के किराएदार के रूप में हुई ....
आज वे करोड़पति हैं और कइयों के भ्रष्टपति भी .....
वे ,वो भी किसी के मतदान के वजह से ही .....
देश आज़ाद करवाने के लिए
असहयोग आंदोलन हुआ था ना  ....
शायद नींद तो खुले .....
चुनाव का सामूहिक वहिष्कार
इस बार ,एक बार तो होनी ही चाहिए ....


11 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति-बहुत खूबसूरत

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  2. कुछ तो करना ही चाहिए..

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  3. achchha socha hai , lekin bahishkar sirph kuchh log karenge. jinake ghar men sharab, dhoti, kambal ,laptop aur rupaye pahunch rahe hain ve isamen sahayog nahin denge aur agar kuchh pratishat hi matdan ho gaya to phir jeet to unaki honi hi hai jo sirph chunav ke liye sarakari paisa luta kar vote bank bana rahe hain.

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  4. कुछ आवाज उठानी ही होगी.. बेबाक प्रस्तुति

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  5. अदभुत |समस्या का उपाय हम सबको खोजना ही पडेंगा |

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  6. सामयिक सशक्त विचार, संदेश तो जाना ही चाहिये.

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  7. mai bhi sahmat hoon bhiva jee ..100%

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  8. सुंदर प्रस्तुति !

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