कहानी थोड़ी पुरानी है ……
एक परिवार में माँ और तीन बच्चे(दो पुत्र और एक पुत्री) थे
तीनों बच्चे छोटे छोटे थे तभी पिता की मृत्यु हो गई थी। …
सबसे छोटी पुत्री को अपने पिता की छवि याद भी नहीं थी। ....
परिवार में आमदनी का स्रोत्र खेती था
जिंदगी सुचारु रूप से चल रही थी
जिंदगी सुचारु रूप से चल रही थी
लेकिन जब बच्चे बड़े हुए और शिक्षा पर खर्च बढ़ा तो आमदनी कम पड़ने लगा। …।
तीन बच्चों का पढ़ाई खर्च खेती से पूरा नहीं हो पा रहा था और
छोटे बेटे को तकनीक पढ़ाई करने की इच्छा थी
अगर वो प्रतियोगिता से कही नामांकन करवाता तो खर्च कम भी होता
क्यूँ कि उस समय सरकारी कॉलेज फी कम हुआ करता था
लेकिन संयोग से
उसको किसी प्रतियोगिता में सफलता नहीं मिल पाई
उसे प्राइवेट कॉलेज में ही नामांकन करवाना पड़ता
माँ सामर्थ्यहीन थी। …।
लड़का मेधावी है ,पढ़ लिख जायेगा तो
भविष्य में अपनी लड़की से शादी कर देंगे ,
यह सोच मन में रख कर ,उस लड़के का दूर का
एक रिश्तेदार प्रस्ताव रखे कि
लड़के का पढ़ाई का खर्च वो उठायेंगे। …।
लडके की माँ मान गई लड़के की पढ़ाई शुरू हुई
लड़के की पढ़ाई पूरी हो गई
लड़के की छोटी बहन तब तक सयानी हो गई
लड़के और लड़के कि माँ को चिंता अब उसकी शादी की हो गई
क्यूँ कि दहेज़ देने के लिए पैसा नहीं था और
बिना दहेज की शादी सम्भव ही नहीं थी
तब माँ ने बेटे और बेटी की शादी
एक साथ सम्पन्न घराने में तैय की
बेटे का तिलक पहले रखी ,जो जो सामान आया ,
सब सामान बेटी के होनेवाले ससुराल भेज दी
फिर बेटे की शादी की ,शादी में दुल्हन जो सामान लेकर आई
सब सामान के साथ बेटी की शादी कर ,
दोनों माँ बेटे निश्चिन्त हो गए
लेकिन
जब उस रिश्तेदार को पता चला (जो लड़के के पढ़ाई का खर्च उठाया था)
तो वो बहुत हंगामा किया कि उसके साथ धोखा हुआ है ,
{{वो तो इस लालच में था कि एक होनहार दामाद मिल जाएगा}}
किसी तरह बीच बचाव हुआ वो अपनी लड़की की शादी दूसरे लडके से किया
लड़की की शादी जिस लडके के साथ हुई
वो दो भाई बहन थे ,पिता जी थे लेकिन माँ नहीं थी। ....
लड़की को एक बेटा हुआ और शादी के ३-४ साल के बाद ही
उसके पति की मृत्यु हो गई
लड़की के ससुर लड़की को उसके बेटा के साथ
घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया क्यूँ कि
वो अपनी सारी सम्पति अपनी बेटी को देना चाहता था
तभी उस लड़की की मदद के लिए वही लड़का सामने आया
जिसे लड़के के पढाई का खर्च उस लड़की के पिता उठाये थे
कोर्ट कचहरी का काम
घर में प्रवेश
वहाँ उस लड़की की सुरक्षा
समाज में बहुत तरह की बाते फैली
उस लडके का अपना परिवार था
दो पुत्र थे ,पत्नी थी
पत्नी को भी समाज की बातों का यक़ीन था
पति-पत्नी को एक दम्पति से बहुत गहरी दोस्ती थी
दोनों परिवार पडोसी थे
एक दिन सुबह सुबह पति अपने मित्र की पत्नी से उसके घर आकर बोले
मेरी पत्नी घर छोड़ कर जा रही है ,
किसी तरह आप ,आज उसे रोक लीजिये नहीं तो
उसके घर वाले मुझे मरवा देंगे। …।
उस दिन का झगड़ा सलट गया
लेकिन पति का उस लड़की से सम्बन्ध चलता रहा
पति की ही मौत हो गई
जिंदगी छोटी पड़ गई। .......
Bahut hi sundar kahani
ReplyDeleteBahut hi sundar kahani
ReplyDeleteuff kitne patra kitni kahaniya ..sabko ek sutr me pirona .. ...jiwan ki kadwi sachchayi to yahi hai di ..ki jindgi bahut chhoti hai ..
ReplyDeleteआ० बढ़िया , धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कहानी .
ReplyDeleteनई पोस्ट : स्वर्णयोनिः वृक्षः शमी
विचित्र रास्तों से होकर गुज़रती जीवन की यात्रा।
ReplyDeleteकाफी उलझी हुई सी कहानी है | हर पात्र एक कहानी साथ लिए चल रहा है |
ReplyDeleteविचित्रता से भरा है ये जीवन !
ReplyDeleteनई पोस्ट मेरी प्रियतमा आ !
नई पोस्ट मौसम (शीत काल )
बहुत कुछ है यहाँ उलझने और उलझाने के लिये सुंदर रचना !
ReplyDeleteये जीवन ही ऐसा है..
ReplyDeleteachchi kahani :)
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