1
ठूँठ का मैत्री
वल्लरी का सहारा
मर के जीया।
2
शीत में सरि
प्रीत बरसाती स्त्री
फिरोजा लगे।
3
गरीब खुशियाँ
बारम्बार जलाओ
बुझे दीप को।
4
क्षुधा साधन
ढूंढें गौ संग श्वान
मिलते शिशु।
5
आस बुनती
संस्कार सहेजती
सर्वानन्दी स्त्री।
सर्वानन्दी = जिसको सभी विषयों में आनंद हो
6
स्त्री की त्रासदी
स्नेह की आलिंजर
प्रीत की प्यासी।
आलिंजर = मिटटी का चौड़े मुंह का बर्तन = बड़ा घड़ा
अच्छी प्रस्तुति ! अच्छे हाइकू !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकु...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.
ReplyDeleteवाह सभी हाइकू लाजवाब ...
ReplyDeleteसुन्दर हाइकु...सभी एक से बढ़ कर एक....
ReplyDeleteसुन्दर हाइकू...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteहाइकू लाजवाब ... लिख रही है आप आजकल .........आभार
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