कांच भी साक्ष्य
स्वप्न दुर्वाक्षि टंगा
नभ के आँसू।
===
3
क्यूँ पहचाने
अपने व पराये
स्व दर्द पाये।
===
4
जीवी का रोला
वल्ली खिली कलासी
पंक में पद्म ।
रोला = घमासान युद्ध
कलासी = दो पत्थर या दो लकड़ी के जोड़ के बीच का स्थान
===
5
हिम का झब्बा
काढ़े शीत कशीदा
भू शादी जोड़ा।
रेशम ,कलाबत्तू के तारों का गुच्छा = झब्बा
silk and silver or gold thread twisted together
===
6
भय से पीला
सूर्य-तल्खी है झेले
नीलाभ सिन्धु ।
===
7
चिप्पी ज्यूँ जोड़े
उधेड़ ही जायेंगे
दिया जो धोखा ।
==============
एतकाद मेहनत पर हो जाता है
वक्ती - मुसीबत हल हो जाता है
हो जाता है खुद पर अगर भरोसा
पसोपेश मुश्तबहा दूर हो जाता है
==========
स्वप्न दुर्वाक्षि टंगा
नभ के आँसू।
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3
क्यूँ पहचाने
अपने व पराये
स्व दर्द पाये।
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4
जीवी का रोला
वल्ली खिली कलासी
पंक में पद्म ।
रोला = घमासान युद्ध
कलासी = दो पत्थर या दो लकड़ी के जोड़ के बीच का स्थान
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5
हिम का झब्बा
काढ़े शीत कशीदा
भू शादी जोड़ा।
रेशम ,कलाबत्तू के तारों का गुच्छा = झब्बा
silk and silver or gold thread twisted together
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6
भय से पीला
सूर्य-तल्खी है झेले
नीलाभ सिन्धु ।
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7
चिप्पी ज्यूँ जोड़े
उधेड़ ही जायेंगे
दिया जो धोखा ।
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एतकाद मेहनत पर हो जाता है
वक्ती - मुसीबत हल हो जाता है
हो जाता है खुद पर अगर भरोसा
पसोपेश मुश्तबहा दूर हो जाता है
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अरे वाह!!.....बहुत अच्छी लगी रचना.
ReplyDeleteसुन्दर, अर्थपूर्ण हाइकु...बधाई स्वीकारें…
ReplyDeleteबहुत ही अर्थपूर्ण हैं सभी हाइकू ...
ReplyDeleteसभी हाइकु बहुत सुन्दर और भावपूर्ण हैं. बधाई.
ReplyDeleteसब एक से एक हैं दीदी! तस्वीर सी खिंच जाती है!!
ReplyDeletemere comments kahan gaye ?
ReplyDeletechaliye ye to dikh gaya sundar hiku.....
ReplyDeleteवाह...बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteसभी हाइकु बहुत सुन्दर
ReplyDeleteवाह बहुत खूब। बहुत ही सुंदर रचना।
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