संगनी क्लब व सामयिक परिवेश क्लब के अनेक कार्यक्रमों में रत्ना पुरकायस्था(दूरदर्शन में उप निदेशक) जी से कई बार भेंट हुई... उनकी मोहक मुस्कान और दूरदर्शन आने का निमंत्रण(स्वाभाविक हर मिलने वालों से वे कहती हैं) मेरे दूरदर्शन जाने का राह खोल दिया । समीर जी से उनका फोन नम्बर ली , ले तो उनसे भी सकती थी लेकिन समीर जी सामयिक परिवेश क्लब के आयोजक थे तो उनसे ही मांगना सहज लगा।
उनसे मिलने जाने के पहले लेख्य-मंजूषा के सदस्यों से पूछी कि कोई चलना चाहेगा... एक से दो भले... बुचिया #ज्योति_स्पर्श जी संग चलने के लिए तैयार हुईं.... हमें #अनेक_कामों के लिए एक संग निकलना ही था तो मैं उन्हें ही बोली कि रत्ना जी को फोन कर समय ले लें....
सोमवार 9 सितम्बर2017 दोपहर साढ़े बारह बजे के बाद का समय मिला... मैं और बुचिया बड़े उत्साहित रत्ना जी से मिले... पहले से कुछ लोग बैठे... हमारे रहते अनेक लोग आए-गए... सभी लोगों से बातें करने का जो स्वाभाविक(कोई अभिनय नहीं) ढ़ंग था रत्ना जी का बेहद चुम्बकीय था... बच्चों की तरह निर्मल मन ..भावुकता से भरी छलकने को तैयार आँखें... #हम_बहुत_ही_खुश_थे
मैं गई थी लेख्य-मंजूषा के सदस्यों का कार्यक्रम हो इसकी मंशा लेकर लेकिन बातों के क्रम में #हाइकु की चर्चा निकली तो वे बोली कि मैं सोच रही हूँ कि #महिला_हाइकुकार का कार्यक्रम करवाया जाए..… या तो लेख्य-मंजूषा के सदस्य हो जाएं तो ठीक नहीं तो पटना में रहने वाली हाइकुकार का नाम और फोन नम्बर मुझे व्हाट्सएप पर भेज दीजियेगा...
उसी दौरान किसी अन्य से बात करने के क्रम में उनके पति का पर्यटन विभाग में काम करने की चर्चा चली...
(दूरदर्शन जाने के लिए घर से निकलते समय मेरे पति महोदय का सवाल था #तुम्हें_दूरदर्शन_में_ऐसा_कौन_मिल_गया_या_गई_हैं_जिनसे तुम दूरदर्शन पहुंच जाओगी
-रत्ना जी
-रत्ना पुरकायस्था जी ?
-हाँ!
-उनके पति पर्यटन विभाग में काम करते हैं!
-मुझे जानकारी नहीं है और अभी लौट कर आते हैं तो बात करते हैं ... पहले ही बहुत देर हो चुकी हुँ ... आपकी बातें सुनने लगी तो आज का मौका निकल जायेगा...
ये जा... वो जा.. मैं अति उत्साहित निकल भागी)
#मैं:-आपके पति पर्यटन विभाग में काम करते हैं ? मेरे पति बता रहे थे
-आपके पति ? क्या नाम है उनका ? क्या काम करते हैं ?
-जी । डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव । चीफ इंजीनियर...
-वही जो मोकामा में कहीं...
-दो साल पहले थे बरौनी थर्मल के G.M. 31 जुलाई 2017 को पटना हेडक्वाटर से सेवा निवृत हो चुके हैं
रत्ना जी बच्चों की तरह खिलखिला पड़ीं
-अरे😂🤣 ! वे तो मेरे पति के बहुत ही अच्छे मित्र हैं । मैं भी मिली हुई हूँ । हमारे घर भी कई बार आये हैं । उनका बहुत सम्मान करते हैं मेरे पति । जबभी उनकी चर्चा करते हैं उनके व्यक्तित्व की बहुत प्रशंसा करते हैं । पर्यटन विभाग का कार्यालय पहले कंकड़बाग में था । श्रीवास्तव जी के ही सलाह और समझाने पर IEI भवन में स्थापित हुआ। etc अनेक बातें वे करती रहीं
और #मेरा_फ्यूज_उड़_चुका_था...
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