Monday 24 June 2024

गुलाबजामुन : ©️नीरजा कृष्णा, पटना


आज रवि की पत्नी मधु की मुँह दिखाई की रस्म होने जा रही है। पास- पड़ोस की महिलाऐं तथा घर की सब बड़ी-बुजुर्ग महिलाऐं एकत्रित हो गई थी। अद्वितीय रूप की मालकिन मधु की सब बलैया ले रही थी। वो सबको बहुत पसंद आई थी। मालती जी मोहित होकर अपनी बहू को निहारे जा रही थी, तभी जो़र का शंखनाद हुआ। सबने चौंक कर दादी जी की ओर देखा, सबके मन में था ...बाप रे ! इस शुभ घड़ी में कौन सा बम फूटेगा? मालती मिन्नत भरी निगाहों से उन्हें देखने लगीं, मानों कह रही हों आज कोई कड़ी बात ना बोलें पर दादी तो दादी है। उन्होंने मालती जी को ही ललकार डाला, “देख बहू! तू तो भोली-भाली है पर ये आजकल की बहुएं बहुत चोखी होशियार होती हैं। तू! बहू, को समझा दे कि हमारे घर में बड़े बुजुर्गों का नाम नहीं लिया जाता है। ये आजकल की छोरियाँ कितनी शान से अपने मरद का नाम भी लेती है। तू  इसे समझा दे.. यहाँ हर टाइम रवि, रवि न चलेगा।"

सब चुप पर रवि की बड़ी दीदी रंजना को मजा़ आने लगा.."दादी! ऐलान भी किया तो अधूरी बात का। अरे पूरी तरह नई बहू को समझाओ 'क्या बोलना है रवि की जगह?"

"हट निगोड़ी! मुझसे ठिठोली कर रही है। आजकल छोरियाँ सब सीखी-पढ़ी हैं! हम लोग तो 'एजी, ओजी, सुनोजी तो' करते थे, सब सुनकर मधु लोटपोट हो गई।

उसी दिन शाम को मधु से रसोई में कुछ बनवाकर रस्म करवाई जानी थी, बुआजी ने बड़े चाव से पूछा ..."मधु ! क्या बना रही हो बेटा?"

"सब तो मम्मी जी ने बनवा ही लिया है ,मैं तो केवल पापा और ताऊजी को चीनी के रस में डुबोने जा रही हूँ। दोनों के ऊपर  आपको सजा दूँगी...।"

बुआजी और दादीजी तो अवाक् देखने लगी..."ये तू क्या अंट-संट बक रही है बेटा! पापा और ताऊ जी के लिए क्या बोल रही है? और उनके ऊपर मुझे सजाएगी, तेरा मतलब क्या है..?"

"बुआजी! इसमें ना समझने वाली क्या बात है?  दादी जी की आज्ञा का पालन ही तो कर रही हूँ। मैं गुलाबजामुन बना रही हूँ, ऊपर से केसर डालूँगी...।"

तब सबको समझ में आया कि पापाजी का नाम गुलाबचंद, ताऊजी का नाम जमुना प्रसाद तथा प्यारी बुआजी का नाम केसर देवी है।

©️नीरजा कृष्णा, पटना

गुलाबजामुन : लहालोट

—विभा रानी श्रीवास्तव, पटना

 “शानदार—मज़ेदार—धारदार नीरजा कृष्णा, पटना की लिखी रचना, लेकिन : लेकिन, शीर्षक उस मुक़ाबले में थोड़ा पिछड़ गया! आदरणीया क्या इस रचना का शीर्षक बदलकर और गुलाबजामुन की रेसपी के संग पुस्तक ‘बिहारी व्यंजन : स्वाद कथा’ में शामिल करना चाहेंगी?”

“विभा रानी श्रीवास्तव! कुछ मार्गदर्शन करिए न।”

“नीरजा कृष्णा आदरणीया! : नहले पर दहला : बीस पर बाईस…!”

“विभा रानी श्रीवास्तव! वाह वाह: : ‘बीस पर बाईस’ में नवीनता है, उपयुक्त है! इसे ही रहने दें।”

जी! दादी सास, सास से बीस थी तो पोता बहू को बाईस हो जाना स्वाभाविक था!

सर्दियों में अक्सर कुछ मीठा और गर्मागर्म खाने की लालसा/तीव्र इच्छा होती है। ऐसे में हलवाई की दुकान पर जाने की बजाय आप घर पर ही ये गुलाबजामुन बनाकर मिलावट से बच सकते हैं। आइए बिना देर किए जान लीजिए ये आसान (पाँच लोगों के लिए) रेसिपी।

गुलाबजामुन बनाने के लिए सामग्री :- 

खोया (मावा) - 1 कप

मैदा (आटा) - 1/4 कप

देसी घी - 1/4 चम्मच

इलायची पाउडर - 1 चम्मच

बेकिंग पाउडर - 1/4 चम्मच

चीनी - 1 कप

पानी - 1/4 कप

केसर - 1 चुटकी

गुलाबजामुन बनाने की विधि :- सबसे पहले एक कढ़ाई में घी गरम करें और उसमें मावा डालकर अच्छी तरह भून लें, इसके बाद इसमें बेकिंग पाउडर डाल दें। इसे धीरे-धीरे मिक्स करते हुए गूंथ लें, इसमें आधा चम्मच इलायची पाउडर भी डाल दें। इसके बाद अगर गोल आकार में गुलाबजामुन बनाने हैं तो इनकी छोटी-छोटी गोली बना लें। अब एक तरफ चाशनी तैयार करनी शुरू कर दें। इसमें सबसे पहले कढ़ाई गैस पर रखें और इसमें चीनी और पानी डालें और उबालने दें, इसमें बाकि आधा चम्मच बचा हुआ इलायची पाउडर भी डाल दें और उबलने दें। जब इसमें एक तार बनने लगे तो गैस बंद कर दें। अब तैयार की हुईं गोली से गुलाबजामुन तलने हैं। इसके लिए एक कढ़ाई में घी गर्म कर लें। जब ये अच्छी तरह गर्म हो जाए तो इसमें गुलाबजामुन को डालकर भूरा-कत्थई रंग आने तक तल लें। ध्यान रहे, इस वक्त गैस की लौ माध्यम ही होनी चाहिए। जब ये सब तल जाएं तो इन्हें गर्म चाशनी में डाल दें। इन्हें 1 घंटा इसी चाशनी में भीगने के लिए छोड़ देंगे तो ये खाने के लिए तैयार हो जाएंगे। इन्हें गर्मागर्म ही सर्व करें।

एक विशेष बात ध्यान रखने योग्य :- तलने के पहले गुलाबजामुन के बॉल में एक-एक इलायची दाना भर दिया जाये तो बढ़िया बनता है…। इलायची के दाने पर चीनी की परत होती है जो बाद में गरम होने पर पिघल जाती है और गुलाबजामुन के बीच में गुलठी भी नहीं हो पाती है…।

तथा बिना कुछ और साझा किए, इस कहानी का समापन नहीं हो सकता है…! मेरे घर में अक्सर गुलाबजामुन (मिठाई! फल नहीं! आपको पता होगा गुलाबजामुन फल भी होता है। इस फल का नाम गुलाबजामुन इसलिए रखा गया क्योंकि बताया जाता है कि इसका स्वाद बिलकुल गुलाबजामुन की तरह ही होता है। यह अमरूद की तरह हल्का पीले-हरे रंग का होता है। यह फल पेड़ पर फरवरी में लगना शुरू हो जाता है और अप्रैल- मई तक खाने लायक हो जाता है। इसमें एक बड़ा बीज भी होता है।फल के बीज का सेवन शरीर में नए सेल्स बनाने का काम करता है। इस फल के बीज का पाउडर ब्लड शुगर स्तर को कंट्रोल कर डायबिटीज़ में फायदा पहुँचाता है। जामुन के बीज की तरह। गुलाबजामुन फल के पत्ते के गुण किसी भी तरह की डायबिटीज़ में फायदा पहुँचा सकते हैं। पत्तियों को सुखाना है और फिर इनका पाउडर तैयार कर गुनगुने पानी के साथ पी लेना है। मुख्यत: उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बंगाल, राजस्थान में पाए जाते हैं। इसके अलावा दक्षिण भारत उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों में भी कहीं-कहीं मिल जाते हैं।) रहता था। मेरे पति (डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव) और बेटे (महबूब श्रीवास्तव) को बहुत ही पसन्द था! (था इसलिए कि समय के साथ बहुत कुछ बदल जाता है…) बेटा को जब गुलाबजामुन मिठाई खाने की इच्छा होती, फ्रीज खोलता डिब्बा/बर्त्तन निकालता और पहले गिनती करता। उपयुक्त संख्या को तीन भाग करता, मान लीजिए, , गुलाबजामुन मिठाई संख्या में सोलह है तो तीन हिस्सा करने पर पाँच-पाँच-पाँच और एक अधिक तो झट से वो खा लेता फिर थोड़ी-थोड़ी देर अपने हिस्से का पाँच मिठाई खा लेता। अगर यह बँटवारा सुबह के समय हुआ है तो उसके पिता कार्यालय जा चुके होते और मुझे खाने की इच्छा नहीं तो हमदोनों के हिस्से का दस मिठाई फ्रिज में रखा जाता। दोपहर-शाम में फिर दस का तीन हिस्सा लगता, तीन-तीन-तीन और शेष एक बेटे के हिस्से… यानी बेटे के फिर से चार गुलाबजामुन मिठाई खाने के बाद , रात में ६ बच जाता तो हमतीनों कभी-कभी दो-दो-दो के भागीदार हो जा सकते थे…। नहीं तो…,

8 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" मंगलवार 25 जून 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. बहुत मजेदार, गुलाबजामुन !

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  3. बहुत बहुत सुन्दर

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  4. बहुत सुंदर।

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  5. मुझे गुलाबजामुन बहुत पसंद है।
    मजेदार पोस्ट।

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  6. वाह!!!
    कहानी रेसिपी और भी...
    बहुत सुन्दर... मजेदार।

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गुलाबजामुन : ©️नीरजा कृष्णा, पटना

आज रवि की पत्नी मधु की मुँह दिखाई की रस्म होने जा रही है। पास- पड़ोस की महिलाऐं तथा घर की सब बड़ी-बुजुर्ग महिलाऐं एकत्रित हो गई थी। अद्वितीय...