Friday, 6 September 2013

छिनता सुकून




आभार Rp Tripathi जी का 



अल्जाइमर के पनाह में जा रही एक माँ
तल्खी-ए-हालात का आलम खो गया सुकून  

न की ख़ुद से दोस्ती ढूंढती रही ख़ुदा
होती रही ख़ुद से जुदा खोती रही सुकुन

उसे क्या चाहिए था , कुछ ज्यादा 
लफ्ज हो प्यारे तन्हाई के लम्हात सुकून 

देखी चेहरे पे लिखी सवाली इल्ज़ाम 
खोई चैन आंखों की दिल का सुकून

कलम पकड़ी उंगुली होती है नंगी
 सोचता नंगा दिमाग छिनता सुकून 

Thursday, 5 September 2013

सच है ....

Animated clip art image of open ocean waves in the water with a glimpse of land in the distant horizon



सच है ....

कोई अपना दर्द उधेड़ता है
तो आख़िरकार
सब के हंसने का सबब बनता है .....

 नाज़ बनाए रखो
बंद मुट्ठी लाख की
खुल जाए तो खाक की .....

जो बचा न सके साख
खोखली साख की ....
जिनकी खुल गई मुट्ठी
लगा सकोगे अंदाज़ा दर्दे दिल की
छटपटाहट जीने के जुनून की ....

ज़िंदगी को बदलने में
 वक़्त नहीं लगता
पर कभी-कभी
वक़्त को बदलने में
ज़िंदगी लग जाती है ....

जो होता है अच्छे के लिए होता है ....

Wednesday, 4 September 2013

प्रकृति का तौहफा ....




आभार Gobinda Agarwala का


फोटो बहुत दूर से लिया हुआ है …….  क्यूँ कि उन पक्षियों की आजादी में खलल ना पड़े …… इन पक्षी-बच्चों का जन्म ,मेरे जन्मदिन के दिन ही हुआ … निगरानी तो मैं घोसला बनाना शुरू हुआ ,तभी से कर रही थी .…जन्मदिन के दिन इनकी कोलाहल से ही आँख खुली …. प्रकृति का तौहफा पा ,मन प्रसन्न हो गया ……

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एक कहानी तितली की जुबानी ......

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बिहार की स्थिति 


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मौसम मोहक हुआ


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पिया की तलाश


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हम जीवन-साथी हैं .....
 हमें संग-संग रहना है .....

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चलो एक घरौंदा बनाये .....


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व्यथा के दिन
आनंदमय क्षण
जीने के पल

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कैमरा पास नहीं होने का अफसोस हो गया .... कैमरा होता तो ज़ूम कर फोटो खिचती तो साफ तस्वीर आता .... मोबाइल से दूर से फोटो खिचना पड़ा .... एक तो बारिश बहुत हो रही थी .... दूसरा मेरी खुद की लंबाई बहुत कम है .... घोसला बहुत ऊंचाई पर था .... नजदीक जाने से दिखलाई भी नहीं दे रहा था .... दूसरे चिड़िया उड़ भी जाती थी .... तो डर लगता था कि कहीं अंडा न खराब हो जाये ....

कभी रोटी बना रही होती या चाय छानना होता था .... तभी फोटो खिचने का समय भी होता था ....

कुछ अफ़सोस मुझे भी है ....



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एक माँ की महिमा

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इंतज़ार कर रही ..... तुम कब आओगे ....

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कौन कहता है ....
बच्चों की जिम्मेदारी
पिता नहीं उठाते हैं .....
जिम्मेदारी हम दोनों की है ,
प्यार से निभाते हैं ....

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माँ भोजन की खोज में गई
टिक-टिक मौसी पहरेदारी में

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Vibha Shrivastava's photo.

उठो ना  …….  देखो मैं आ गया  ……  आप भी ऐसा ही रहे होंगे  .....

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उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ .....   भूख - प्यास से व्याकुल .....


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ये चार भाई-बहन या भाई-भाई हैं ……

Monday, 2 September 2013

हाइकु

यहाँ कार्यशाला इवेंट्स में हाइकु लिखने के लिए आधार शब्द जैसे हम लेते हैं.. इस इवेंट में भी होगा..

पर इस बार एक चेलेंज.. बड़े वाला.. हर हाइकु के लिए आपको शब्द खुद तय करना है.. उसे आप हाइकू के नाम या शीर्षक के तौर पर लिखें..

पर पर पर.. वो शब्द हाइकु में नहीं आना चाहिए.. मतलब जिस शब्द को आप आधार बना रहे हैं.. वो सिर्फ अपना अर्थ या भाव या पहचान दिखाए हाइकु में.. खुद ना दिखे.. !
~~~~~~~~~~~~~~~~~
ये हमे चुनौती मिला है
कितना सफल है आप बताएं

~~ 1

Vibha Shrivastava's photo.

छेद दे काठ
कैद हो पंखुरी में
इश्क ये कैसा

~~2



अंक समाये
क्षुधा तृप्त हो जाए
ईश्वर साध

~~3



है व्यथा ग्रस्त
वेदना है आनंद
प्रफुलित है

~~4



चुनी वेदना
है प्रकृति स्वरुपा
अतुलनीय

~~5


खोल दे आंखे
बन जाता महान
दे शब्द ज्ञान

~~6


साथ मिले तो
मुक्त पापाचरण
गुप्तरूप (गुप्त हस्त)से

~~7


है देश हठ 
उनका ही भविष्य ,
वे बनाते हैं 

~~ 8



 हेम सा हेम
निर्वाण प्राप्त किया
तृष्णा का त्याग

~~9



 अनूठा शिष्य
दिया हंस दक्षिणा
हाथ का अँगूठा

~~


Sunday, 1 September 2013

शिक्षा प्रसार करें


teachers day greeting cards free download

~~ 1
ज्ञानदाता का
शिक्षक औ ईश्वर 
दो स्वरूप है 
~~ 2
पथ प्रहरी (पथदर्शक)
मिटा दे अंधकार
अज्ञानता का 
~~ 3
संत हो गुरु 
विवेकानंद जैसा 
हो अलौकिक 
~~ 4
ना हुआ कोई
कूटनीत शिक्षक 
चाणक्य सा 
~~ 5
मन पढ़ता 
गुरु-शिष्य का रिश्‍ता
दिशा गढ़ता 
~~ 6
कोरा स्लेट 
शिशु स्कूल पहुंचा    
जो चाहो लिखो
~~ 7
मशि कागज़
प्यारे हुये जिसके
वो प्यारा हुआ 
~~ 8
सख्त अक्खड़ 
गुरु-शिष्य रिश्ता पे
दाग लगाते
~~ 9
भारत गुरु 
धर्म-कर्म-शून्य का 
बता महत्व
~~ 10
प्रतिदान  है   
शिक्षा है महादान
है शास्त्रोक्ति 
~~ 11
किया जिसने
शिक्षक का सम्मान
बना इंसान
~~

Teachers Day songs

सब शिक्षित
शिक्षा प्रसार करें
लिया है तो दें
~~




कंकड़ की फिरकी

 मुखबिरों को टाँके लगते हैं {स्निचेस गेट स्टिचेस} “कचरा का मीनार सज गया।” “सभी के घरों से इतना-इतना निकलता है, इसलिए तो सागर भरता जा रहा है!...