हाइकु {५७५}
रौशनी लाई
खुशियों की सौगात
बीती दीवाली
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जो साड़ी - ब्लाउज , मैं पहनी हुई हूँ
वो मेरी खुद की बनाई हुई है ....
तांका {५७५७७}
बताशे मिले
गुनगुनाते हुए
खिलखिलाते
खील गले उतारे
दीप है अली मेरी
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वन्दनवार
लज्जत ए इजहार
रौशन इश्क
हठी इस्तकबाल
लिखा देहरी पर
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बहुत बढ़िया आंटी
ReplyDeleteदीवाली मुबारक
सादर
जगमग यादें ..हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteवाह... साड़ी बहुत सुन्दर है...दीपावली की शुभकामनाएं
ReplyDeleteवाह .... बहुत बढिया
ReplyDeleteअनंत शुभकामनाएँ
दिये कि तरह जगमग यादें ....खुशियों की सौगात....वाह
ReplyDelete......देरी से ही सही .....शुभकामनाएं ताई जी