हाइकु {५७५}
1
पथिकार है
हरा दुर्मद तम
अतृष्ण दीप।
~~
2
तमोघ्न बना
हराया तमोभूत
नन्हा दीपक।
~~
3
रंग पुताई
दिल दिमाग की हो
तभी दीवाली।
~~
घर रंग हो
निकालते दिवाला
भगाते लक्ष्मी। :P
~~
4
निकली आह
निर्धन कृश काया
भष्म दीवाली।
~~
5
पटाखा बम
फैलाता प्रदुषण
फले बर्बादी।
~~
3
रंग पुताई
दिल दिमाग की हो
तभी दीवाली।
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घर रंग हो
निकालते दिवाला
भगाते लक्ष्मी। :P
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4
निकली आह
निर्धन कृश काया
भष्म दीवाली।
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5
पटाखा बम
फैलाता प्रदुषण
फले बर्बादी।
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एक सेदोका {५७७५७७}
तमिस्रा मिटा
प्रकाशमान होता
सच्चा दीपक वही
नव्य साहस
संचरण करता
विकल्प सूर्य का हो
~~
तमिस्रा मिटा
प्रकाशमान होता
सच्चा दीपक वही
नव्य साहस
संचरण करता
विकल्प सूर्य का हो
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"बहुत अच्छे
ReplyDeleteहाइकु व सेदोका
लिखे आपने"
शुभ दीपावली !!आशा है कि आप सपरिवार सकुशल होंगे |
ReplyDeleteसुन्द हाइकू !
बहुत सुन्दर.
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाएँ.
.बहुत सुन्दर.. . आप को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत गहन और प्रभावी प्रस्तुति...दीपोत्सव की हार्दिक मंगलकामनाएं!
ReplyDeleteBAHUT SUNDAR
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