आज एक बार फिर कल्पवास मेला से गुजरना हुआ …
लेकिन आज मेला की चर्चा नहीं ,
चर्चा करुँगी पुलिस की हरकतो का
उनका चेहरा इस लिए नहीं दे रही कि
इसकी मुझे इजाजत नहीं मिली ...
ये राजेंद्र पुल
५० साल से भी ज्यादा पुराना होगा .....
करीब १० दिन से इस पर
ट्रक के आने जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है …
क्यूँ कि पुल कहीं कहीं कमजोर हो गया है ....
इस पुल से ,ट्रक के द्वारा बालू का व्यापार होता था .... आने जाने की अनुमति नहीं मिलने के कारन बड़े ट्रक से एक छोर पर बालू लाया जा रहा है , वहीँ ट्रैकटर से दूसरी छोर तक ढ़ो कर फिर ट्रक पर लादने का काम हो रहा है .... जिस छोर पर बालू ट्रक द्वारा लाया जा रहा है .... वहाँ से ट्रैकटर ,जैसे पुल पर चढाने लगता है ....वहाँ तैनात पुलिस जो इसलिए खड़ी है कि भीड़ से लोगो को परेशानी नहीं हो ,पुल पर ट्रक ना चढ़े , हर ट्रैक्टर वाले से १० रुपया वसूलती हैं .... मैं आते जाते खुद अपनी आँखों से ऐसा होते देखी .... ये है छोटी मछली का कमाल .....
वो भी क्या करे दीवाली मनाने का मौका मिला है
क्यों घर आती लक्ष्मी को ठुकराये …
इससे बालू के व्यपारी को भी फायदा है
बालू के दाम दोगुने होंगे
जनता का क्या
मुर्दे पर दस मन मिटटी
या
सौ मन क्या फर्क पड़ता है .....
मेरी तो इच्छा दो चाटें लगानी की हुई
…… लेकिन .......
और वही लोग भ्रष्टाचार मुक्त भारत की कल्पना करते हैं.दुखद है.
ReplyDeleteपुलिस वालों की यही सूरत हर जगह दिखाई देती है.भागलपुर में नो इंट्री के समय में इन्हीं की करतूतों से,ट्रक पार कराने पर कई स्कूली बच्चियों एवं एक किशोरी शिक्षिका की जान गई.
ReplyDeleteachche chitr sahi baat
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ।। सुन्दर चित्र विन्यास और संयोजन ,मत पूछो इनकी सूरत को ,
ReplyDeleteदिवाली की हार्दिक शुभकामनायें .. कल्पवास के बहाने इनकी चांदी हो रही है ..
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति………
ReplyDeleteकाश
जला पाती एक दीप ऐसा
जो सबका विवेक हो जाता रौशन
और
सार्थकता पा जाता दीपोत्सव
दीपपर्व सभी के लिये मंगलमय हो ……
ReplyDeleteदीपावली कि हार्दिक शुभकामनाएँ
:-)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
स्वस्थ रहो।
प्रसन्न रहो हमेशा।
व्यापारिक मनोवृत्ति की निर्ममता। यही है जिंदगी, पर दीपावली शुभ हो मंगल हो उनकी, इनकी सबकी।
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