Monday, 21 October 2013

माहिया



माहिया सीखने की कोशिश

https://www.facebook.com/groups/175294479327042/

इसमें गुरु हैं

https://www.facebook.com/hrita.sm?fref=ts

और

https://www.facebook.com/swati.evergreen.3
.....

सावन न वफ़ा की है
सौगातें क्या दूँ
पतझड़ न जफ़ा की है

1

आंसू की है आहट 
चाह रही पाना
इक कठिन मुसकुराहट 

2

साकार हुआ सपना
 दुल्हन आई घर 
गुलजार हुआ अपना

3

प्यार धर्म की हारी
 पीढ़ी बुजुर्ग की
 होती रोवनहारी

4

भार्या दुख खिलता है
निकर्मा पथ देखे
किस्मत से मिलता है

5


कार्तिक है जब आता
चन्दा का महत्व
सखियों में बढ़ जाता 

6

बाहर का दिखता है
देख सके कोई
मन में जो सिकता है

7
~~

14 comments:

  1. कार्तिक है जब आता
    चन्दा का महत्व
    सखियों में बढ़ जाता
    बहुत सुन्दर समन्वय

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  2. कार्तिक है जब आता
    चन्दा का महत्व
    सखियों में बढ़ जाता .....बहुत सुन्दर

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  3. आंसू की है आहट
    चाह रही पाना
    इक कठिन मुसकुराहट ..bahut khub any sabhi maahiya bhi achchhe lage

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  4. शुक्रिया और आभार
    हार्दिक शुभकामनायें

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  5. सब के सब अति सुन्दर.

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  6. sundar माहिया सभी ।श्रम का फल मिलता ही है ।लगन होनी चाहिए ।दिखा दिया आपने ।:)

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  7. कार्तिक है जब आता
    चन्दा का महत्व
    सखियों में बढ़ जाता
    वाह ... अति उत्तम आनन्‍द आ गया पढ़कर
    बहुत-बहुत बधाई माहिया की उत्‍कृष्‍ट प्रस्‍तुति पर

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  8. सुन्दर और मोहक शब्दों से सजी रचना।

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  9. बहुत सुंदर और मोहक रचना.

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  10. सादर प्रणाम|बहुत ही खूबसूरत रचना |सुंदर शब्द चयन |

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  11. हुर्र्रे दी तुमने तो झंडे गाड़ दिए |

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  12. सुंदर शब्द सृजन :)
    !! प्रकाश का विस्तार हृदय आँगन छा गया !!
    !! उत्साह उल्लास का पर्व देखो आ गया !!
    दीपोत्सव की शुभकामनायें !!

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