माहिया सीखने की कोशिश
https://www.facebook.com/groups/175294479327042/
इसमें गुरु हैं
https://www.facebook.com/hrita.sm?fref=ts
और
https://www.facebook.com/swati.evergreen.3
.....
सावन न वफ़ा की है
सौगातें क्या दूँ
पतझड़ न जफ़ा की है
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इसमें गुरु हैं
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.....
सावन न वफ़ा की है
सौगातें क्या दूँ
पतझड़ न जफ़ा की है
1
आंसू की है आहट
चाह रही पाना
इक कठिन मुसकुराहट
2
साकार हुआ सपना
दुल्हन आई घर
गुलजार हुआ अपना
3
प्यार धर्म की हारी
पीढ़ी बुजुर्ग की
होती रोवनहारी
4
भार्या दुख खिलता है
निकर्मा पथ देखे
किस्मत से मिलता है
5
निकर्मा पथ देखे
किस्मत से मिलता है
5
कार्तिक है जब आता
चन्दा का महत्व
सखियों में बढ़ जाता
6
बाहर का दिखता है
देख सके कोई
मन में जो सिकता है
7
~~
हारी(नाश करने वाला)
ReplyDeleteकार्तिक है जब आता
ReplyDeleteचन्दा का महत्व
सखियों में बढ़ जाता
बहुत सुन्दर समन्वय
कार्तिक है जब आता
ReplyDeleteचन्दा का महत्व
सखियों में बढ़ जाता .....बहुत सुन्दर
सुन्दर शब्द विन्यास
ReplyDeleteatest post महिषासुर बध (भाग ३ )
आंसू की है आहट
ReplyDeleteचाह रही पाना
इक कठिन मुसकुराहट ..bahut khub any sabhi maahiya bhi achchhe lage
शुक्रिया और आभार
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें
सब के सब अति सुन्दर.
ReplyDeletesundar माहिया सभी ।श्रम का फल मिलता ही है ।लगन होनी चाहिए ।दिखा दिया आपने ।:)
ReplyDeleteकार्तिक है जब आता
ReplyDeleteचन्दा का महत्व
सखियों में बढ़ जाता
वाह ... अति उत्तम आनन्द आ गया पढ़कर
बहुत-बहुत बधाई माहिया की उत्कृष्ट प्रस्तुति पर
सुन्दर और मोहक शब्दों से सजी रचना।
ReplyDeleteबहुत सुंदर और मोहक रचना.
ReplyDeleteसादर प्रणाम|बहुत ही खूबसूरत रचना |सुंदर शब्द चयन |
ReplyDeleteहुर्र्रे दी तुमने तो झंडे गाड़ दिए |
ReplyDeleteसुंदर शब्द सृजन :)
ReplyDelete!! प्रकाश का विस्तार हृदय आँगन छा गया !!
!! उत्साह उल्लास का पर्व देखो आ गया !!
दीपोत्सव की शुभकामनायें !!