सड़क पर निकलो तो पता चलता है आज भी बहुत सी स्त्रियाँ किस हाल में जी रही हैं... ना कहने पर जला दी जाती हैं... नभ क्या साझा करेंगी जब कह नहीं पाती "जमीं हमारी है।"
कॉंग्रेस का मेनिफेस्टो और पाखी पत्रिका का मुख्यावरण कोहराम मचवा दिया... कितनी लेखनी उबल पड़ी , साधारण सस्ता रास्ता प्रचार का... बदनाम हुए तो क्या हुआ... "कमी हमारी है।"
मतदान जरूर करें... ऐसी पार्टी को जो आधी आबादी को पचास प्रतिशत की हिस्सेदारी सब स्थलो पर देने में चूका ना हो...
sahi baat hai...ye kadam badhta hi rahe ,ruke nahi
ReplyDeleteसस्नेहाशीष संग शुक्रिया
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