1
तड़ तड़ाक
बची नहीं गरिमा
चोटिल आत्मा ।
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2
तड़ ताड़क
सहमा बचपन
देख माँ गाल ।
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3
तड़ तड़ाक
रिश्ता नाजुक टूटा
काँच सा कच्चा ।
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4
हर्ष अपार
घन लेकर आये
फुही बहार ।
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5
छन्न संगीत
तपान्त करे वर्षा
गर्म तवे सी
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6
फुही झंकार
लगे झांझर झन
किसान झूमे ।
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7
बीज लड़ता
भूमि-गर्भ अंधेरा
वल्लरी देता ।
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8
उगाये मोती
सुख नींद वो सोते
खेत जो जोती ।
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9
बिखरे फुही
जगत खिल उठा
बने फुलौरी ।
बहुत सुन्दर हाइकू .....
ReplyDeleteधन्यवाद और आभार
Deletewah bahut sundar haiku ...!!
ReplyDeleteधन्यवाद और आभार
Deleteउगाये मोती
ReplyDeleteसुख नींद वो सोते
खेत जो जोती ।
...सुन्दर हाइकू बस पढ़ता गया ...
बहुत अच्छा लगा
God Bless you
Deleteबहुत सुन्दर हाइकु.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकु
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