Tuesday, 10 June 2014

हाइकु


1
तड़ तड़ाक
बची नहीं गरिमा
चोटिल आत्मा ।

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2
तड़ ताड़क
सहमा बचपन
देख माँ गाल ।

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3
तड़ तड़ाक
रिश्ता नाजुक टूटा
काँच सा कच्चा ।

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4
हर्ष अपार
घन लेकर आये
फुही बहार ।

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5
छन्न संगीत
तपान्त करे वर्षा 
गर्म तवे सी 

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6
फुही झंकार 
लगे झांझर झन 
किसान झूमे ।

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7
बीज लड़ता 
भूमि-गर्भ अंधेरा
वल्लरी देता ।

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8
उगाये मोती 
सुख नींद वो सोते
खेत जो जोती ।

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9
बिखरे फुही
जगत खिल उठा





बने फुलौरी ।

8 comments:

  1. बहुत सुन्दर हाइकू .....

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  2. उगाये मोती
    सुख नींद वो सोते
    खेत जो जोती ।
    ...सुन्दर हाइकू बस पढ़ता गया ...
    बहुत अच्छा लगा

    ReplyDelete

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