कह देने से
रिश्ते टूटने से
बच गए
चुप रहने से
टूटते रिश्ते
सम्भल गए
बस तय करने में
चूक ना हुआ कि
कब क्या कहना है या
कब चुप रह जाना
पजल बॉक्स है जिंदगी
या बिछी बिसात
गोटी फिट करना
या प्यादे की चाल
हद से ज्यादा दर्द होता
साँसों की डोर कट जाती
जब तक साँसें है
खुशियों को वितरित करने में
सहायक बन गुजरते जाना है
ये पज़ल जब तक न सुलझे अच्छा ... मन व्यस्त रहता है सुलझाने में ... वर्ना जिंदगी क्या है ... गहरी रचना ...
ReplyDeleteपजल बॉक्स है जिंदगी
ReplyDeleteया बिछी बिसात...,
वाह.. बहुत खूब !!!