Saturday, 15 June 2013

एक क्षण .......


खिलखिलाने के लिए एक क्षण बहुत है 





Advisory excellerator fy13 q3 jan to mar 2013.pps (6) from Vibha Shrivastava


Mehboob Shrivastava को इस साल 

“Excellerator” is an award that recognizes individuals who 


demonstrate excellence in their field of work and stand out 


as champions.


Please refer page#21.......


Photo

महबूब को उसकी कंपनी अवार्ड देने की घोषणा की है ....

महबूब सफलता की एक एक सीढ़ी चढ़ता जाता है और मैं अपने पिता के आगे नतमस्तक होती हूँ ....
 आज जो भी हो रहा उनके आशीर्वाद से ....

बस एक कसक है .... जो कभी भी मिट नहीं सकती ....
महबूब को जब नौकरी लगी तो तैय किया गया कि उसकी पहली सैलरी को उसके बुजुर्ग(दादा-दादी ,नाना) को दिया जाएगा .... क्यूँ  कि हमारे घर में कोई पूजा-दान नहीं होता है .... सैलरी आते ही दादा-दादी को उनके मन मुताबिक दे दिया गया और नाना के लिए रख दिया गया कि जब उनके पास जाया जाएगा तो दे दिया जायेगा ..... लेकिन ,हम कुछ दिनों तक ना जा सके और नाना की मौत की खबर आ गई .......... कल(16/6) फादर्स डे है और कल(14/6)महबूब को अवार्ड मिलने की घोषणा हुई .... कसक फिर ..........



20 comments:

  1. शुक्रिया बेटे यशवंत का ....
    ब्लॉग पर ये पोस्ट बना सकी ....

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  2. बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुती ,धन्यबाद।

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  3. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (16-06-2013) के चर्चा मंच 1277 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

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  4. सुंदर और भावुक अनुभूति
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    सादर

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  5. .बहुत ही खुबसूरत रचना...

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  6. महबूब की सफलता के लिए आप सब को हार्दिक मंगलकामनाएं एवं महबूब को और ज़्यादा तरक्की के लिए आशीर्वाद् भी।
    इसी प्रकार 1972 में प्रथम वेतन में से कुछ बड़ों के लिए मुझसे भी माँ-पिता ने भिजवाया था लेकिन हम लोगों ने मनी आर्डर का सहारा लिया था अतः बाद में कोई खेद न रहा था। यदि महबूब ने मनी आर्डर अपने नाना जी को भेज दिया होता तो आज आपको कोई मलाल न रहता।

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  7. बहुत बहुत बधाई महबूब भाई को!
    सफलता यूं ही उनकी हमकदम बनी रहे।


    सादर

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  8. सुन्दर अनुभूति की अभिव्यक्ति!
    latest post पिता
    LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !

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  9. मनी ऑर्डर के साथ एक और विकल्प था ....
    पापा जिस भैया के साथ रहते थे ,उनके बैंक अकाउंट में रुपया डाल देने से भी रुपया मेरे पापा के पास चला जाता ....
    लेकिन एकलौता नाती के कमाई का पैसा लेते समय ,जो चमक उनके आंखो में ,तृप्ति-शुकुन चेहरे पर और मुख से आशीर्वाद निकलता .... उससे मैं और महबूब खुद भीगना चाहते थे .... थोड़े ज्यादा लालच में कसक ले बैठे

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  10. सार्थक अभिव्यक्ति.

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  11. बहुत बहुत बधाई महबूब भाई को!

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  12. bahut hi khoobssurat pal eek maa ke liy .ishwar bete ko bahut kamyabi de ....

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  13. बहुत सुन्‍दर रचना आभार
    मेरी नई पोस्‍ट पढिये और अपने विचारों से मुझे भी अवगत करार्इ्रये
    गूगल seo से बढायें अपने ब्‍लाग का traffic

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  14. सुंदर और मार्मिक...

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  15. नम कर गई ये पोस्ट ....

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  16. बहुत बधाइयाँ महबूब भाई को। कसक तो रह ही जाती है अपनों के दूर हो जाने पे .. बस हम अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते रहें, और इंसानियत के रास्ते चलते रहें ..

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  17. बधाई महबूब जी को!

    कसक नम कर गयी.

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