खिलखिलाने के लिए एक क्षण बहुत है
Advisory excellerator fy13 q3 jan to mar 2013.pps (6) from Vibha Shrivastava
Mehboob Shrivastava को इस साल
“Excellerator” is an award that recognizes individuals who
demonstrate excellence in their field of work and stand out
as champions.
Please refer page#21.......
महबूब को उसकी कंपनी अवार्ड देने की घोषणा की है ....
महबूब सफलता की एक एक सीढ़ी चढ़ता जाता है और मैं अपने पिता के आगे नतमस्तक होती हूँ ....
आज जो भी हो रहा उनके आशीर्वाद से ....
बस एक कसक है .... जो कभी भी मिट नहीं सकती ....
महबूब को जब नौकरी लगी तो तैय किया गया कि उसकी पहली सैलरी को उसके बुजुर्ग(दादा-दादी ,नाना) को दिया जाएगा .... क्यूँ कि हमारे घर में कोई पूजा-दान नहीं होता है .... सैलरी आते ही दादा-दादी को उनके मन मुताबिक दे दिया गया और नाना के लिए रख दिया गया कि जब उनके पास जाया जाएगा तो दे दिया जायेगा ..... लेकिन ,हम कुछ दिनों तक ना जा सके और नाना की मौत की खबर आ गई .......... कल(16/6) फादर्स डे है और कल(14/6)महबूब को अवार्ड मिलने की घोषणा हुई .... कसक फिर ..........
Mehboob Shrivastava को इस साल
“Excellerator” is an award that recognizes individuals who
demonstrate excellence in their field of work and stand out
as champions.
Please refer page#21.......
महबूब को उसकी कंपनी अवार्ड देने की घोषणा की है ....
महबूब सफलता की एक एक सीढ़ी चढ़ता जाता है और मैं अपने पिता के आगे नतमस्तक होती हूँ ....
आज जो भी हो रहा उनके आशीर्वाद से ....
बस एक कसक है .... जो कभी भी मिट नहीं सकती ....
महबूब को जब नौकरी लगी तो तैय किया गया कि उसकी पहली सैलरी को उसके बुजुर्ग(दादा-दादी ,नाना) को दिया जाएगा .... क्यूँ कि हमारे घर में कोई पूजा-दान नहीं होता है .... सैलरी आते ही दादा-दादी को उनके मन मुताबिक दे दिया गया और नाना के लिए रख दिया गया कि जब उनके पास जाया जाएगा तो दे दिया जायेगा ..... लेकिन ,हम कुछ दिनों तक ना जा सके और नाना की मौत की खबर आ गई .......... कल(16/6) फादर्स डे है और कल(14/6)महबूब को अवार्ड मिलने की घोषणा हुई .... कसक फिर ..........
शुक्रिया बेटे यशवंत का ....
ReplyDeleteब्लॉग पर ये पोस्ट बना सकी ....
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुती ,धन्यबाद।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (16-06-2013) के चर्चा मंच 1277 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeleteसुंदर और भावुक अनुभूति
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
सादर
.बहुत ही खुबसूरत रचना...
ReplyDeleteमहबूब की सफलता के लिए आप सब को हार्दिक मंगलकामनाएं एवं महबूब को और ज़्यादा तरक्की के लिए आशीर्वाद् भी।
ReplyDeleteइसी प्रकार 1972 में प्रथम वेतन में से कुछ बड़ों के लिए मुझसे भी माँ-पिता ने भिजवाया था लेकिन हम लोगों ने मनी आर्डर का सहारा लिया था अतः बाद में कोई खेद न रहा था। यदि महबूब ने मनी आर्डर अपने नाना जी को भेज दिया होता तो आज आपको कोई मलाल न रहता।
बहुत बहुत बधाई महबूब भाई को!
ReplyDeleteसफलता यूं ही उनकी हमकदम बनी रहे।
सादर
सुन्दर अनुभूति की अभिव्यक्ति!
ReplyDeletelatest post पिता
LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !
सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति .आभार
ReplyDeleteहम हिंदी चिट्ठाकार हैं
भारतीय नारी
मनी ऑर्डर के साथ एक और विकल्प था ....
ReplyDeleteपापा जिस भैया के साथ रहते थे ,उनके बैंक अकाउंट में रुपया डाल देने से भी रुपया मेरे पापा के पास चला जाता ....
लेकिन एकलौता नाती के कमाई का पैसा लेते समय ,जो चमक उनके आंखो में ,तृप्ति-शुकुन चेहरे पर और मुख से आशीर्वाद निकलता .... उससे मैं और महबूब खुद भीगना चाहते थे .... थोड़े ज्यादा लालच में कसक ले बैठे
सार्थक अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई महबूब भाई को!
ReplyDeletebadhai w dil se shubhkamnayen.....
ReplyDeletebahut hi khoobssurat pal eek maa ke liy .ishwar bete ko bahut kamyabi de ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना आभार
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट पढिये और अपने विचारों से मुझे भी अवगत करार्इ्रये
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सुंदर और मार्मिक...
ReplyDeleteनम कर गई ये पोस्ट ....
ReplyDeleteबहुत बधाइयाँ महबूब भाई को। कसक तो रह ही जाती है अपनों के दूर हो जाने पे .. बस हम अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते रहें, और इंसानियत के रास्ते चलते रहें ..
ReplyDeleteबधाई महबूब जी को!
ReplyDeleteकसक नम कर गयी.