श्यामक श्वेत
मिलन राधे-श्याम
उपजा बोध
एक कोशिश … जन्माष्टमी के अवसर पर सोहर गीत,
जो हमारे यहाँ बच्चे के जन्म लेने पर गाया जाता है ,
चोका के रूप में लिखने की Siddharth Vallabh के लिए ....
मनमोहना
आनंदघन लीला
लल्ला गोपाला
जनम लिहले हो
अंगना मोरी
गाओ रे बधइयां
सोहर उठे
नन्द के दुवरिया
यदु वंशज
घर उजास फैलो
धन्य भइल
शोभित नगरिया
हरखित ही
चंचल चितवन
सब बिसारे
श्याम मुख निहारे
कहे यशोदा मैया
मनभावन सोहर. आनंदित हुआ मन.
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर , नीचे वाला फोटो तो मस्त , धन्यवाद !
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति , आप की ये रचना चर्चामंच के लिए चुनी गई है , सोमवार दिनांक - 18 . 8 . 2014 को आपकी रचना का लिंक चर्चामंच पर होगा , कृपया पधारें धन्यवाद !
स्नेहाशीष .... आभारी हूँ ... बहुत बहुत धन्यवाद आपका
Deleteअहा ... बहुत ही बढि़या प्रस्तुति
ReplyDeleteमन को भा गई
सादर
जन्माष्टमी के अवसर पर सुन्दर सोहर गीत!
ReplyDeleteश्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत सुन्दर और मनभावन सोहर गीत
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
शुभकामनाऐं
सादर ---
आग्रह है --
आजादी ------ ???
भावपूर्ण बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteगोकुला में बाजेला बधईया त
जन्में कधैया ,मगन पुर बासिन हो .......
बहुत सुंदर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteCute....हैप्पी जन्माष्टमी
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति...जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।।।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर
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