1
लाई बहना
अक्षत वरदान
राखी गहना।
2
अक्षत वरदान
राखी गहना।
2
प्यारा सा आस
सुरक्षा का कवच
धागा से बाँध।
3
शत्रु भी बंधे
स्नेह से अलंकृत
धागे की शक्ति।
4
धागा भंगुर
लोहे से मजबूत
स्नेह में पक।
5
निरर्थक है
रक्त बन्धु की खोज
कच्चे धागे का।
6
साध मिटाती
बांध कान्हा को राखी
दूजा ना भाई।
7
गांठ अजूबा
रिश्ता दृढ करता
कच्चे धागे का।
8
आस में डोरी
झांके द्वार देहरी
व्यग्र बहना।
5
निरर्थक है
रक्त बन्धु की खोज
कच्चे धागे का।
6
साध मिटाती
बांध कान्हा को राखी
दूजा ना भाई।
7
गांठ अजूबा
रिश्ता दृढ करता
कच्चे धागे का।
8
आस में डोरी
झांके द्वार देहरी
व्यग्र बहना।
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राखी से जुडी बहुत सुंदर हायकू.
ReplyDeleteनई पोस्ट : आमि अपराजिता.....
सुन्दर हाइकू ...शुभकामनाएं
ReplyDeleteइस पोस्ट की चर्चा, रविवार, दिनांक :- 10/08/2014 को "घरौंदों का पता" :चर्चा मंच :चर्चा अंक:1701 पर.
ReplyDeleteअसीम शुभकामनायें
Deleteआभारी हूँ .... बहुत बहुत धन्यवाद आपका
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteवाह ... अनुपम भावों को संयोजन
ReplyDeleteरक्षा बंधन पर सुंदर हाइकू। शुभ कामनाएँ।
ReplyDeleteस्नेहमयी रचना ..
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