हाइकु लिखने के लिए चित्र ०४
1
शिशु तोषित
मिली त्रासक मुक्ति
माँ से पोषित।
2
जी बेखटक
झूमे नाचे व गाये
माँ गोद मिले।
3
जी निष्कंटक
अमृत डोर बँधी
आँचल तले।
4
माँ अभिराम
बनी रहती ढाल
भूमि की ईश।
5
माँ अंक मिले
सुरक्षा अहसास
सृष्टि सिमटी।
6
जियें निडर
फिरदौस सा समझें
आँचल तले।
=========
अपनी बोतल से पानी दे रही नन्हीं छात्रा- चित्र ०१
1
प्यास समझे
माया से भरी बच्ची
जल बाँटती
2
व्याकुल कंठ
भरे नयन सरि
स्नेह नीर से
3
नेह दर्शन
जीवन का स्पंदन
पा रही दुआ
4
स्मित से दीप्त
हर क्षण उद्यत
सेवा में लिप्त
5
कर्म-पुण्य है
श्रमेच्छुक मार्ग है
प्यास बुझाना।
बच्चे को लटकाये ईंटें ढो रही महिला- चित्र ०२
1
माँ करे श्रम
बिना बोझ समझे
लाद ले शिशु
2
श्रम है पूजा
बदल देती भाग्य
शोर है गूंजा।
3
माँ करे श्रम
हरारत हारता
हँसे अभाव।
4
सतत खड़ी
नियति से लड़ती
शक्ति स्तम्भ सी
5
चुनी वेदना
है प्रकृति स्वरुपा
अतुलनीय
4
सतत खड़ी
नियति से लड़ती
शक्ति स्तम्भ सी
5
चुनी वेदना
है प्रकृति स्वरुपा
अतुलनीय
==========
हिरन के ब्च्चे को कुछ खिलाता छोटा बच्चा- चित्र ०३
1
प्यार पाया है
हक्का बक्का है छौना
दोस्त मिला है
2
चकित छौना
नन्हा फ़रिश्ता पाया
धूप में छाया
3
मूंढ सा छौना
बच्चे की दुआ पाये
धूप मेँ छाया
4
छल से दूर
मस्ती में डूबे छौने
रिश्ता मधुर
5
शिशु-हिरण
दो पौधे छांह देते
संगी साथी सा
6
मस्ती में डूबे
शिशु मृग दो दोस्त
अभी को जीते
7
शिशु समझे
पशु मन की भाषा
अंश दे खिला।
=================================
हक्का बक्का है छौना
दोस्त मिला है
2
चकित छौना
नन्हा फ़रिश्ता पाया
धूप में छाया
3
मूंढ सा छौना
बच्चे की दुआ पाये
धूप मेँ छाया
4
छल से दूर
मस्ती में डूबे छौने
रिश्ता मधुर
5
शिशु-हिरण
दो पौधे छांह देते
संगी साथी सा
6
मस्ती में डूबे
शिशु मृग दो दोस्त
अभी को जीते
7
शिशु समझे
पशु मन की भाषा
अंश दे खिला।
=================================
तारे जुगनू
छेड़े मधुर तान
जुगलबन्दी
yaa
जीत की होड़
तारे संग जुगनू
जुगलबन्दी
==
सूर्य चितेरा
रश्मियाँ संग फुहि
रंगे धनक
===
क्रोध दिखाता
सूर्य स्लैब पे बैठा
पूरब चौका
===
संजो रखे हैं
इंच इंच सपने
आस संदूकी।
संजो रखे हैं
इंच इंच सपने
आस संदूकी।
सभी चित्र हाइकू अच्छे है परन्तु चित्र हाइकू नॉ ०२ मजदूर लाजवाब |
ReplyDelete: महादेव का कोप है या कुछ और ....?
नई पोस्ट माँ है धरती !
bahut sundar nanhe -nanhe ghunghru ki tarah bajte ho jaise ye hayku ....
ReplyDeleteतारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.
ReplyDeleteसभी हाइकू एक से बढ़कर एक हैं
ReplyDeleteऐसा लग रहा है दीदी कि आपने उन सभी मूक चित्रों को स्वर प्रदान किये हैं! तस्वीरें बोल उठीं!!
ReplyDeleteचित्रों को शब्दों में उतार दिया ... सभी हैगा एक से बढ़ कर एक ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर.
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति के साथ सुंदर रचना , आ. धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
बहुत सुन्दर है सभी ....दी सादर नमस्ते
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कृति है यह. बहुत पसंद आई.
ReplyDeleteवाह ..बहुत ही उम्दा हायकु बन पड़े हैं
ReplyDeleteबहुत ही बढिया....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक हाइकु...लाज़वाब
ReplyDeleteमाँ अभिराम
ReplyDeleteबनी रहती ढाल
भूमि की ईश।
5
माँ अंक मिले
सुरक्षा अहसास
सृष्टि सिमटी।
बहुत सुन्दर एक से बढ़कर एक हाइकु
एक से बढ़ कर एक
ReplyDelete