1
बहे मवाद
वीरुध हीन भूमि
डाका के बाद ।
2
सूखे ना स्वेद
अपहृत बरखा
रोता भदई।
सूखे ना स्वेद
अपहृत बरखा
रोता भदई।
3
आँख में आंसू
रात में ज्यूँ जुगनू
दोनों में ज्योति ।
4
पल है खग
सुख दुख के डैने
उड़ा के छिपा।
सुख दुख के डैने
उड़ा के छिपा।
5
देख भू चौंकी
खाली बूँदें-बुगची
घाती है भादो।
6
घाती सावन
घाऊघप बादल
रोते भू तारे ।
7
दुखी भू अम्ब
हवा लपके मेघ
हो जैसे गेंद ।
8
छोड़ के पर्दा
नभ को छूने चली
उड़ा के गर्दा।
9
उड़ा के गर्दा।
9
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बहुत सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteइस पोस्ट की चर्चा, रविवार, दिनांक :- 24/08/2014 को "कुज यादां मेरियां सी" :चर्चा मंच :चर्चा अंक:1715 पर.
आभारी हूँ .... बहुत बहुत धन्यवाद आपका ...
Deleteसुन्दर हाइकू ,सुन्दर हाइगा !
ReplyDeleteमैं
Happy Birth Day "Taaru "
स्नेहाशीष बेटे जी .... आभारी हूँ ...
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद आपका ....
बेहतरीन हाइकू
ReplyDeleteबढ़िया सुंदर हाइकू , आ. धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
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लघु कलेवर .,
ReplyDeleteजैसे पुड़िया में
होमियेपैथी की गोलियाँ १
आभारी हूँ आदरणीया .... बहुत बहुत धन्यवाद आपका _/\_
Deleteसुंदर हाइकु
ReplyDeleteबहुत सुंदर हाईकू
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteआपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 25 . 8 . 2014 दिन सोमवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
ReplyDeleteस्नेहाशीष .... आभारी हूँ .... बहुत बहुत धन्यवाद आपका ...
Deleteबहुत सुंदर हायकु बन पड़े हैं ...
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteसुन्दर हाइकू
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
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