मेरी ख्वाहिश थी
मुझे माँ कहने वाले ढेर सारे होते
मेरी हर बात धैर्य से सुनते
मुझे समझते
ख्वाहिश पूरी हुई फेसबुक पर
(((((((((((((((((((सभी♥मैं)))))))))))))))))))
किसी ने कहा
सखी
बुई
ताई
बड़ी माँ
चाची
भाभी
दीदी
दीदी माँ
दीदी माँ तो कानो में शहनाई सी ,
धुन लगती है .....
यही बात आज मैं ने फूलो से भी कहा
सभी को अपने बांहों के घेरे में लेकर बताना चाहती हूँ .....
एक सदोका
{5/7/7/5/7/7}
विभा निखरे
कांटे संग बिहंसे
बिखर पूर्ण रहे
गुलाब गेंदा
वरेश परितुष्ट
व्याकुलता परास्त ।
विभा = शोभा
सुन्दर पुष्प, महकाते वातावरण
ReplyDeleteबहुत सुंदर फूलों के साथ ....
ReplyDeleteलाजबाब,फूलो के साथ सुंदर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteRECENT POST -: पिता
आदरणीय ताई जी, को सादर प्रणाम
ReplyDeleteविभा निखरे
कांटे संग बिहंसे
बिखर पूर्ण रहे
गुलाब गेंदा
....सुंदर फूलों के साथ तस्वीर बहुत ही सुंदर लगी