आभार =Kamaljyoti Suryaअपना अंगना
वसंत की अनुभूति और उसकी अभिव्यक्ति
अपनी निजी अवस्था पर निर्भर होती होगी ना
जैसे एक सिक्के का दो पहलू
आशा और निराशा
एक ही वस्तु को देखने का अलग अलग नजरिया
प्रिया संग साजन हैं
तो काग की बोली भी मधुर लगती है
अगर ना हों तो
पिंडुकी गान
सौतन की बोली लगती है .....
++++++++++++++++++++++++++++++++++++
एक रूप
धरा पर बैनीआहपीनाला ने ली अंगराई
छलकाती यौवन मदमस्त प्रकृति आई
जलज ताल विमुख प्यासी सूनी राह निहारे
विरह वेदना में व्याकुल सखियाँ बौराई
पी संग नहीं तो ये छटा किस काम आई
सरसों-पलाश को देख मन भारी हो आया
सिंदूरी आस पर पीले अवसाद काढ़ आई
वसंत की अनुभूति और उसकी अभिव्यक्ति
अपनी निजी अवस्था पर निर्भर होती होगी ना
जैसे एक सिक्के का दो पहलू
आशा और निराशा
एक ही वस्तु को देखने का अलग अलग नजरिया
प्रिया संग साजन हैं
तो काग की बोली भी मधुर लगती है
अगर ना हों तो
पिंडुकी गान
सौतन की बोली लगती है .....
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एक रूप
धरा पर बैनीआहपीनाला ने ली अंगराई
छलकाती यौवन मदमस्त प्रकृति आई
जलज ताल विमुख प्यासी सूनी राह निहारे
विरह वेदना में व्याकुल सखियाँ बौराई
पी संग नहीं तो ये छटा किस काम आई
सरसों-पलाश को देख मन भारी हो आया
सिंदूरी आस पर पीले अवसाद काढ़ आई
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दूसरा रूप
मदन-सम्मोहन से फलीभूत धरा गदराई
वैनीआहपीनाला की अद्धभूत छटा लहराई
धवल कमल बाग-ताल में चार चाँद लगा रहे
मधुराज तितली की मैराथन से गूँज रही अमराई
कान्त मिलन की सिंदूरी आस लिए कांता अकुलाई
अभीष्ट खिले राह निहारती स्वगत ढाढ़स बंधा रही
चारो तरफ हंसी बिखरी देख सखियाँ खिलखिलाई
वै नी आ ह पी ना ला (इन्द्रधनुष)
दूसरा रूप
मदन-सम्मोहन से फलीभूत धरा गदराई
वैनीआहपीनाला की अद्धभूत छटा लहराई
धवल कमल बाग-ताल में चार चाँद लगा रहे
मधुराज तितली की मैराथन से गूँज रही अमराई
कान्त मिलन की सिंदूरी आस लिए कांता अकुलाई
अभीष्ट खिले राह निहारती स्वगत ढाढ़स बंधा रही
चारो तरफ हंसी बिखरी देख सखियाँ खिलखिलाई
वै नी आ ह पी ना ला (इन्द्रधनुष)
आपकी कविता ने यहाँ बर्फ़बारी के बीच रंग भर दिया है. पसंद आई रचना. पेंटिंग भी बहुत प्यारी है.
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी और सुन्दर कविता।
ReplyDeletewah didi kya likha hai apne...sundar rachna..
ReplyDeleteसुंदर भाव ...
ReplyDeleteलाजबाब,सुंदर अभिव्यक्ति ...!
ReplyDeleteRECENT POST -: पिता
बहुत सुंदर भाव.
ReplyDeleteअति सुन्दर
ReplyDeleteसुंदर भाव...
ReplyDelete.बहुत सुंदर प्रस्तुति...
बहुत दिनों के बाद आपके पोस्ट पर आया हूं। प्रस्तुति काफी अच्छी लगी। मेरे नए पोस्ट "समय की भी उम्र होती है",पर आपका इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद और आभार आपका
ReplyDeleteसाधू साधू
ReplyDeleteवाह बहुत ही सुंदर !
ReplyDeleteसुंदर भाव....
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