सिक्के के दो पहलू होते हैं ......
नकारात्मक सोच नहीं रखने के बाद भी
निगाह केवल एक ही पहलू को ही क्यूँ सोचे
नकारात्मक सोच नहीं रखने के बाद भी
निगाह केवल एक ही पहलू को ही क्यूँ सोचे
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2
चक्की जोहती
खनकती चूड़ियाँ
दाल दरती ।
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3
हृदय बाग़
तितली या मक्खियाँ
सोच निर्भर ।
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4
बढ़ती दूरी
मित्र-प्रीत शुष्कता
बेधते हिय ।
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5
सफाई कर्मी
आतिथेय वसंत
पतझड़ है ।
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6
शजर रोता
आवारा पतावर
उदास होता ।
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आवारा पतावर
उदास होता ।
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अनुभव से सिंचित सुन्दर हाइकु.
ReplyDeleteचक्की जोहती
ReplyDeleteखनकती चूडि़या
दाल दरती
.....................वाह बहुत ही बढि़या
अर्थभरे हाइकू..
ReplyDeleteबहुत सुंदर और सार्थक हाइकू ...............
ReplyDeleteबहुत सुंदर हायकू.
ReplyDeleteबहुत सुंदर हाइकु हैं...एक से बढ़कर एक...
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