Friday, 13 September 2013

न्याय अधूरा









9 महीने
वेदना और संघर्ष के दिन एक परिवार के लिए ....
करोड़ों मुख से निकला
दुआओं - प्रार्थनाओं का फल है
ये फांसी का दण्ड ,लेकिन
अभी खुश होने का समय नहीं आया है ....
अभी हमारे महामहिम के पास अर्जी जानी बाकी है ....
हिंदुस्तान है मेरे दोस्त
चुनाव भी नजदीक है
वैसे भी ये न्याय अधूरा है ....
कोई तो मुस्कुरा रहा है
न्याय प्रणाली का मज़ाक उड़ा रहा है ....
हमारा खून जला रहा है .....

12 comments:

  1. हिंदुस्तान है मेरे दोस्त
    चुनाव भी नजदीक है
    वैसे भी ये न्याय अधूरा है ....
    कोई तो मुस्कुरा रहा है
    न्याय प्रणाली का मज़ाक उड़ा रहा...

    बहुत खूब,सुंदर सृजन !!

    RECENT POST : बिखरे स्वर.

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  2. शुभ संध्या दीदी
    अच्छा मजाक है
    चलो छः महीने और जी लेने दो
    यमदूत खाली नहीं न हैं

    सादर

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  3. हिंदुस्तान है मेरे दोस्त
    चुनाव भी नजदीक है
    वैसे भी ये न्याय अधूरा है ....
    कोई तो मुस्कुरा रहा है
    न्याय प्रणाली का मज़ाक उड़ा रहा है ....
    हमारा खून जला रहा है .....
    वास्तविक अभिव्यक्ति .

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  4. ज़रुरत तो यही थी की क़ानून में बदलाव कर उस मुस्कुराने वाले को भी यही सजा मिलनी चाहिए थी.

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  5. सही कहा आपने खून जल रहा है,,,,,,,

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  6. बचाव पक्ष {दोषियो}के वकीलों तक की यही सजा होनी चाहिए,यही नही सभी वहशियो और विकृत मानसिकता के बलात्कार के दोषियो कों फंसी होनी चाहिए ,चाहे संसद में हों ,चाहे सरकार में |

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  7. SAHI KAHA DIDI APNE.....PAR SACH MEY JO BHI AISA KARTA HAI UN SABKO YAHI SAZA MILE....AUR US MUSKURANE WALE KO BHI...

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  8. बिल्कुल सही कहा आपने .....

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  9. न्याय हुआ है, देश मुदित है..

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  10. कोई तो मुस्कुरा रहा है
    न्याय प्रणाली का मज़ाक उड़ा रहा है ....
    हमारा खून जला रहा है !
    ..........सही कहा आपने

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