https://www.facebook.com/groups/tasvironkashahar/
के लिये कुछ तस्वीर यादो के पन्ने से निकली
तो ब्लॉग पर भी संजो ली
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आओ न मौसी समुंदर में मस्ती करें
माँ की साड़ी पर जो पेंटिंग है वो माँ खुद बनाई है
लो देखो भारत का विशाल सागर
रेत से बनी सुंदरी समुंदर किनारे देख लो भारत में
ये भी रेत से बने
जय भोले भण्डारी
बता दो भारत कही से भी
किसी से भी कम नहीं है
ये तस्वीर है सिमरिया घाट(बरौनी के समीप) की
जब कोई इंसान अपने शरीर का त्याग कर देता है
तो उसके परिजन ,यहाँ उसके मिट्टी को
मिट्टी में मिला ,गंगा जी में प्रवाहित कर देते हैं
गला तर कर लूँ
आ जूं निकाल दूँ ...
कल की शाम Bangalore की
कल की ही शाम Barauni की
आज का चाँद
रहा समानांतर
हो मेरे साथ
बेटा का बनाया खाना देख मैं भी अचंभित रह जाती हूँ
समय सब सिखला देता है
इत्ती बड़ी सत्तू भरी पूरी
मैं कभी नहीं बना पाई
ये मेरे बेटे ने बनाई
आइये आप भी खाएं
बेटे की पकाई हुई है
इससे सुंदर कोई तस्वीर हो सकती है
53 साल का बेटा का जन्मदिन मनाते माता-पिता
कौन खुशनसीब ज्यादा था उस वक़्त
वक़्त थमता क्यूँ नहीं
IEI के Annual Congress में पूरे देश के engineers आते हैं
जो IEI के मेम्बर होने चाहिए और
साथ में विदेश से भी वे आते हैं
जो The Institution of Engineers के चेरमेन हों.....
मेरे पति उस समय(2009)
IEI( The Institution of Engineers (INDIA) Bihar State Center के चेरमेन थे
और IEI का Annual Congress था (09 से 16 दिसम्बर 2009) मंगलोर में ....
वही श्री लंका से आये The Institution of Engineers के चेरमेन के साथ,
उनकी पत्नी से मुलाकात हुई .....
तारीफ की बात
न उन्हे हिन्दी बोलना समझना आता था और
न मैं उनसे परिचित थी कि कोई बात होती ....
लेकिन साथ रहना मिलना खाना एक साथ होता था( 09 से 16 दिसम्बर 2009 तक)
इसी बीच वे केवल मेरी चूड़ियों से आकर्षित होती रही
क्यूँ कि वे सब साड़ियों के मैचिंग और पूरे भरे-भरे हांथ होते थे ....
और एक दिन वे एक दुभाषिए के साथ मेरे पास आई
और मेरी चूड़ियों की प्रशंसा की
तब मैं उन्हे अपने चूड़ियों को उन्हे भेट स्वरूप दी...
लंका की नारी
हंसी वजह खुशी
मैचिंग चूड़ी
~~
हम हिंदुस्तानी इसी वजह से तो दुसरे के दिल में जगह बना लेते हैं
अमूल्य हंसी
रावण की धरती
पर ही गई
(*_*)
~~
h
सुबह - सुबह इतना सारा परोस दिया - सादर धन्यवाद्
ReplyDeleteसुंदर चित्र और सुंदर नाश्ता बस अब और क्या कहने ...मजा आ गया जी
ReplyDeleteसादर प्रणाम |
ReplyDeleteअति सुंदर लुभावनी छवियाँ.............. और स्वादिष्ट रोटियाँ,कुछ समय पहले मैंने भी पकाई थी[ ,गेहूं का आटा+सत्तू{जौ+जई+चना+मटर मुख्य रूप से} +१ चम्मच अश्वगंधा मिलाकर.मम्मी के हैपी बर्थडे पर ] बहुत स्वादिष्ट लगती हैं ,और बहुत ही पोषक भी |
Bharatiya samskriti laajawab! Photo ke dwara yaadein ko sanjhona ek kala hai...aur best photo hai bete ki sattu rotiyan...
ReplyDeleteसुंदर चित्र.सिमरिया घाट के चित्र देख दिनकर जी की पंक्तियाँ याद हो आईं.... ..
ReplyDeleteहे जननी जन्मभूमि तुम्हें शत बार धन्य
जहाँ है न सिमरिया घाट अन्य
एक पल
ReplyDeleteजो यादगार बन गया
हमेशा के लिये
बहुत अच्छा लगा आंटी!
आप आते हैं पोस्ट पर तो लगता है कि सार्थक हुई मेहनत ..।
Deleteआप आएंगे 99 ,100 और 101 पर थोड़ी मायूसी हुई
अभी देखता हूँ 99-100-101 को भी
Deleteसॉरी फॉर नोट सीन एट द टाइम :(
बता दो भारत कही से भी
ReplyDeleteकिसी से भी कम नहीं है------
बहुत सही कहा है....वाकई भारत जैसा कोई देश नहीं
सुंदर चित्र संयोजन,बेहतरीन जानकारी
साझा करने का आभार
..बहुत सुन्दर
ReplyDeleteकल गलती से कमेंट डिलीट हो गया था तो मेल से ले आई
ReplyDeleteKuldeep Thakur has left a new comment on your post "भारत":
सुंदर रचना...
सादर।
उजाले उनकी यादों के पर आना... इस ब्लौग पर आप हर रोज 2 रचनाएं पढेंगे... आप भी इस ब्लौग का अनुसरण करना।
आप सब की कविताएं कविता मंच पर आमंत्रित है।
हम आज भूल रहे हैं अपनी संस्कृति सभ्यता व अपना गौरवमयी इतिहास आप ही लिखिये हमारा अतीत के माध्यम से। ध्यान रहे रचना में किसी धर्म पर कटाक्ष नही होना चाहिये।
इस के लिये आप को मात्रkuldeepsingpinku@gmail.com पर मिल भेजकर निमंत्रण लिंक प्राप्त करना है।
मन का मंथन [मेरे विचारों का दर्पण]
कल गलती से कमेंट डिलीट हो गया था तो मेल से ले आई .....
सत्तू की पूरी भी और परांठा भी बहुत स्वादिष्ट लगे। घर बैठे भारत की सैर करवाने हेतु धन्यवाद।
ReplyDelete---पूनम माथुर
गागर में सागर है यह पोस्ट। चाहें तो स्वस्थ्य संबन्धित ब्लाग का भी अवलोकन कर सकती हैं।
ReplyDeletehttp://vijaimathur05.blogspot.in/
बता दो भारत कही से भी
ReplyDeleteकिसी से भी कम नहीं है
....प्रशंसनीय
कविता मंच पर .... बहुत दिनों में आज मिली है साँझ अकेली :)
Beautiful Clicks....
ReplyDeleteसभी तस्वीरें बहुत ही अच्छी और उसके साथ आपके जज़्बात भरे कमेंट भी। …. फेसबुक के ग्रुप का लिंक यहाँ देने का शुक्रिया दी |
ReplyDeleteवाह चाची जी बहुत सुंदर , हमने देखी भारत की सुंदर तस्वीर ………। इतना विशाल समुद्र ,तट पर लेटे शिवजी अति सुंदर । चाचा जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई सादर |
ReplyDeleteबड़े ही सुन्दर चित्र..
ReplyDeleteयह ब्लॉग कुछ अलग और अनूठा है ...
ReplyDeleteबधाई आपको !
बहुत खुबसुरत यादे बेहतरीन प्रस्तुति!!
ReplyDeleteअविस्मरणीय पल बहुत ही ख़ूबसूरती से संजो कर रखा है। सत्तू की पूरी के बारे मे पहली बार सुना है जानने की जिज्ञासा और बड़ गई है। रेट पर शिव जी की कृति अप्रतिम।
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