चौथ का चाँद किसने नहीं देखा
चूक गया गाली सुनने का मौका
जब हमलोग छोटे-छोटे थे
अंध विश्वास के गिरफ्त में थे
??
हमारे यहाँ(बिहार के छपरा जिला में) सब कहते थे भादों के शुक्ल-पक्ष के चौथ का चाँद देख लिया अब कलंक लगेगा .... किसी के घर मे पत्थर फेको जब वो गाली देगा कलंक मिट जायेगा .... मेरी माँ हम भाई-बहन को इस दिन चाँद नहीं देखने देती थीं .....
पुत्र के लंबी आयु और स्वास्थ्य जीवन के लिए
(पुत्रियाँ को ही तो
कल ये व्रत करना होता है
वे तो माँ-स्वरूप होती हैं
कोई भी हालात हो
स्वास्थ्य जी ही जाती हैं )
जिस तरह जीउतिया व्रत करती हैं , उसी तरह माघ के शुक्ल पक्ष के चौथ को गणेश-चतुर्थी मनाती हैं पुत्र के लंबी आयु और स्वास्थ्य जीवन के लिए ....
बिहार के मिथला निवासी भादों के शुक्ल-पक्ष के चौथ का चाँद देख कर चौक-चंदा व्रत मनाते .... जिस तरह छठ में सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है ,उसी तरह वे लोग चाँद को इस दिन अर्घ्य देते हैं ....
purani maanytaao ka koi n koi uchit karan to hoga
ReplyDeletejaankaari achchhi di aapne
शुभकामनायें आपको
ReplyDeleteतीज की शुभकामनायें।
ReplyDeleteशुभकामनाएं!
ReplyDeleteचौथ-चंदा व्रत मनाने की परंपरा हमलोगों में भी है.लेकिन जो यह व्रत खुद नहीं कर पातीं वे दुसरे व्रतियों से संपन्न करवाती हैं.
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनायें ....
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ReplyDeleteतीज और गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाए !
RECENT POST : समझ में आया बापू .
विभिन्न रीति रिवाज़ ओर संस्कृतियों का देश है अपना ...
ReplyDeleteअच्छा लगा इस परंपरा को जानना ...
Sadar pranam,jay ganpati bappa...shubhkamnayein.
ReplyDeleteशुभकामनाएं!
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति,आभार। गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाये।
ReplyDeleteएक और परम्परा की जानकारी मिली आपसे....शुभ कामनाएं....
ReplyDeleteसाभार.....
बचपन में हम भी "चौरचन" मनाया करते थे. कल माता श्री के साथ फ़ोन पर से ही प्रणाम कर लिया. यहाँ तो रात में लम्बी यात्र पर निकला था. रास्ते भर चाँद का दीदार होता रहा.
ReplyDeleteBACHPAN ME SUNA TO HAMNE BHEE THA YE. AUR ABHI BHEE GALTI SE CHAND DIKH JAYE TO EK KHUT KHUT SEE LAGEE RAHTI HAI.
ReplyDeleteतीज की बहुत बहुत शुभकामनायें विभा..
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