"क्या आपलोग भी इसी समुदाय से हैं ?" पाँच सौ मीटर का झंडा लेकर लगभग साढ़े तीन किलोमीटर का किन्नरों के प्राइड परेड में शामिल एर्मिना , अदालिया , इलिना व गुनीत से विशालकाय मानव ने सवाल किया.. सामने से आते एकबारगी से पूछे गए सवाल से पहले तो सब सकपका गई फिर सम्भलकर एक साथ बोल पड़ी, -"नहीं हम समर्थन में शामिल हुए हैं!"
"वो अच्छा! आपलोगों को क्या लगता है इनलोगों को समाज के मुख्य-धारा में जुड़ जाना चाहिए? फिर इनसे मिलने वाली दुआओं व शुभकामनाओं का क्या होगा...!" पूछने वाले विशालकाय मानव का लहजा व्यंग्यात्मक हो गया।
"बिलकुल जुड़ जाना चाहिए... तभी कुछ भ्रांतियाँ नष्ट होंगी।" अदालिया ने कहा।
"कानून बन चुका है,ऐसे बच्चे घर-परिवार से दूर नहीं किए जाएंगे।" एर्मिना ने कहा।
"समाज भी साथ दे इसलिये तो यह आयोजन किया गया है,"इलिना का कहना था।
"हर घर-परिवार-समाज में विभीषण होता है! करोड़ों के उगाही का खपत कहाँ होगा..?" विशालकाय मानव के साथी ने कहा।
"क्या आपलोग भी इसी समुदाय से हैं ?" पाँच सौ मीटर का झंडा लेकर लगभग साढ़े तीन किलोमीटर का किन्नरों के प्राइड परेड में शामिल एर्मिना , अदालिया , इलिना व गुनीत से विशालकाय मानव ने सवाल किया.. सामने से आते एकबारगी से पूछे गए सवाल से पहले तो सब सकपका गई फिर सम्भलकर एक साथ बोल पड़ी, -"नहीं हम समर्थन में शामिल हुए हैं!"
"वो अच्छा! आपलोगों को क्या लगता है इनलोगों को समाज के मुख्य-धारा में जुड़ जाना चाहिए? फिर इनसे मिलने वाली दुआओं व शुभकामनाओं का क्या होगा...!" पूछने वाले विशालकाय मानव का लहजा व्यंग्यात्मक हो गया।
"बिलकुल जुड़ जाना चाहिए... तभी कुछ भ्रांतियाँ नष्ट होंगी।" अदालिया ने कहा।
"कानून बन चुका है,ऐसे बच्चे घर-परिवार से दूर नहीं किए जाएंगे।" एर्मिना ने कहा।
"समाज भी साथ दे इसलिये तो यह आयोजन किया गया है,"इलिना का कहना था।
"हर घर-परिवार-समाज में विभीषण होता है! करोड़ों के उगाही का खपत कहाँ होगा..?" विशालकाय मानव के साथी ने कहा।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 17 जुलाई 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteजी जरूर
ReplyDeleteसस्नेहाशीष व असीम शुभकामनाओं के संग बहुत-बहुत धन्यवाद आपका
दो बार पोस्ट हो गया है लग रहा है पैराग्राफ देखियेगा।
ReplyDeleteसुन्दर।