Wednesday 29 March 2023

तोता चशमी

टहटह लाल माँग, कजरा, गजरा, बिन्दी, चूड़ी, पायल, बिछिया, मंगलसूत्र, मन्दिर-महलों के लगभग सभी प्रमुख द्वारस्तंभों पर अंकित सोलह शृंगारों के दृश्य से कुछ ही चीजें कम धारण किए,

बुजुर्गों को और सभी मनपसंद चीजें धूल-धूसरित होने छोड़ जाते हैं, बेटे भी विदा होते हैं••• आधारित पूरी रचना पढ़ते-पढ़ते नायिका फफ़क पड़ी।

"सैलाब लाने की मंशा है क्या? गंगा-जमुना बहा रही हैं•••!" दर्शकदीर्घा में बैठी अपरिचित ने पूछा।

"इनका पति वानप्रस्थ और संन्यास में गुम है। दो पुत्र है, बड़ा विदेश बस गया तो छोटा दूर देश में ही छुप गया है।" परिचित ने कहा।

"दुष्यन्त-शकुन्तला सी किस्मत कम लोगों को मिलती है यानी इनकी गृहणी और मातृत्व में असफल होने की कहानी है।" अपरिचित ने कहा।

"हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती बनने का सफल प्रयास है•••।" परिचित ने कहा।

"आज के युग में भी श्री का अवलम्बन श्रीमती को क्यों चाहिए?" अपरिचित ने कहा।

"आज की पीढ़ी में कहाँ माँग है?" परिचित ने कहा।


 

Thursday 9 March 2023

ज्वार/भाटा

"जब भी मैं तुम्हें अपने संग सैर-सपाटे, फिल्म देखने, होटल में रहने, लॉन्ग ड्राइव पर चलने के लिए कहता, तुम्हरे पास कोई न कोई बहाना होता। मुझे तितली पसन्द थी तो तुम वैराग्य की बात समझाती।"

"जानती हूँ, मुझे अनुरागी चाहिए था। लेकिन अनुराग लिव इन में रहा जाए तभी साबित हो यह नए शास्त्र के हिसाब से भी सही नहीं है।"

"याद है, मुझे जिलाधिकारी का नियुक्ति पत्र मिलने पर तुमने मुझसे आँगन और कार्यस्थल में से किसी एक का चयन करने को कहा था?"

"मेरी नौकरी जब नहीं रही, तुम्हारे वेतन से ही मकान के लोन को चुकाना, माँ/पापा/दादी के इलाज़ का खर्चों के संग सारे व्यवधान पार लगते रहे।"

"क्या तुम्हें याद है एक समय था, मेरे परिवार वालों के संग तुम बिलकुल रहना नहीं चाहती थी। तुम्हारे हठ के कारण हम अलग रहने लगे थे।"

"हाँ! बिलकुल याद है, वो तो मेरे गम्भीररूप से बिमार पड़ने और उसी काल में जुड़वाँ बच्चों का जन्म। उनके लालन पालन में हमें सहयोग मिलने से सारे रिश्ते सुधरते चले गये।"

"इसलिए हमें समय पर थोड़े धैर्य और सहयोग से काम लेना चाहिए।" दोनों ने एक साथ कहा और खिलखिलाने लगे।

काली घटा

“ क्या देशव्यापी ठप हो जाने जाने से निदान मिल जाता है?” रवि ने पूछा! कुछ ही दिनों पहले रवि की माँ बेहद गम्भीररूप से बीमार पड़ी थीं। कुछ दिनो...