Thursday 12 April 2012

अनुरोध है ..... !!





जितने भी ब्लोगर से मेरा परिचय अब तक  हुआ है …. सभी बहुत ही अच्छे सोच के साथ  अपने कलम से जादू (वशीकरण) फैला इतने वशीभूत करते हैं कि 100-150 कमेंट्स  आसानी से आजाते हैं  ....  ऐसा क्यों  हो ..... ?? सभी का  एक गौरवशाली इतिहास(अतीत) है .... यानी .... सभी बचपन से "महान लेखक"  या  "महान कविके साए में पले-बढे हैं या जिनके पूर्वज भी लेखक-कवि थे या उनमें ही इतनी काबलियत ईश्वर द्वारा प्रदान थी   कि वे कुछ भी रच सकें.... ऐसे में मेरा यहाँ होना  लगता हैं ..... जैसे कोई बच्चा चाँद पकड़ने कि कोशिश कर रहा हो .... ? मेरे कमेंट्स पर  सब  हँसते होंगें .... अपने तो कुछ आता-जाता नहीं .... चली हैं , हमलोगों पर कमेंट्स  करने .... ?? (वैसे .... मैं उन्ही लोगों के लिखे पर कमेंट्स करती हूँ .... जो मुझे अनुमति  देते हैं …. या fb पर शेयर में अनुमति की जरुरत नहीं होती न....) सच में मुझे नहीं लिखने आता ..... अगर आता होता ..... तो आज बिहार या हो सकता है बिहार के बाहर भी होता होगा ....10-11-12 अप्रैल के दैनिक  जागरण का समाचार है .... माँ - बेटी को नंगा (कारण जो रहा हो)कर पुरे गाँव में घुमाया गया ....  डायन (शक ही होगा .... आँखों से देखे होते तो मार न डालते)होने के कारण मैला  पिलाया गया , सर मुंडवा कर ,नंगा कर पुरे गाँव में घुमाया गया .... माँ के सामने.... पति के सामने.... सामूहिक बलात्कार .... पर ऐसा लिखती की नितीश  सरकार और मनमोहन सरकार की नींदें उड़ जाती और वे विवश हो जाते .....
कानून बनाने पर .... 
ऐसा करने वालों पर नो चार्ज-शीट ..... नो मुकदमा ..... सीधे उनकी बेरहमी से क़त्ल ताकि दूसरा सोचने के पहले काँपे .... 
अनुरोध है ..... !!

आप सभी तो लिखना जानते है …. आप लिखये न …. आपकी आत्मा नहीं रोती …. ??
                          
                            या ....

आप सोचते हैं .... इसके पहले तो "नारी सशक्तिकरण" ..... "नारी उत्थान" पर इतना कुछ लिखा जा चूका है .... किसी के कान पर जूं नहीं रेंगती ..... :(:(
अब क्या होगा.... ??        

दुर्वह

“पहले सिर्फ झाड़ू-पोछा करती थी तो महीने में दो-चार दिन नागा कर लिया करती थी। अब अधिकतर घरों में खाना बनाने का भी हो गया है तो..” सहायिका ने ...