"क्या हाल है ?" माया ने सुसी को व्हाट्सएप्प पर सन्देश भेजा।
"कोरोना के साथ जीने की कोशिश कर रही हूँ। हा हा हा हा हा..!सुसी ने अनेक हा, हा लिखते हुए कई हँसता हुआ इमोजी भी लगा कर जबाबी सन्देश भेजा।
"अरे मेरी दोस्त! हमसब कोरोना के साथ ही जीने की कोशिश कर रहे हैं..., थैंक्सगिविंग सप्ताह की छुट्टियों में क्या तुम दो घण्टे का समय निकाल सकती हो, या शहर से बाहर जा रही हो?" माया ने सुसी को पुनः व्हाट्सएप्प सन्देश भेजा।
"कोरोना के साथ जीने की कोशिश कर रही हूँ...यानी मुझे सच में कोरोना हुआ है और मुझे पूरे चौदह दिनों का क्वारंटाइन होने का सुख मिल गया है... हा हा हा हा हा..! सुसी ने अनेक हा, हा लिखते हुए कई हँसता हुआ इमोजी भी लगाकर पुनः जबाबी सन्देश भेजा।
"अरे! तुम्हें कैसे हो सकता है? तुम तो कमरे से बाहर नहीं निकलती हो..। इतने महीनों से तुम अपने घर चीन नहीं गयी...,"माया ने सन्देश भेजा।
"बाहर से जो पका भोजन आता है उसे गरम करने किचन तक जाती हूँ। कुछ दिनों पहले मकान मालकिन का प्रेमी शिकागो से आये थे।"
"अरे! शिकागो से कैलिफोर्निया.. हो सकता है कोई ऑफ्फिसियल टूर हो?"
"नहीं केवल प्रेमिका का चेहरा देखने... उन्हें बेहद चिंता लगी हुई थी... रह नहीं पा रहे थे... कुशलता पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे...!"
"उनदोनों की उम्र कितनी होगी?"
"लगभग 65-70 की प्रेमिका और 62-72 के प्रेमी!"
"वे दोनों गाये होंगे, 'तुझ में रब दिखता है'..! मैं स्तब्ध हूँ!"
"इसलिए तो हमलोगों में कोरोना दिख रहा है..,"
"किस सोच में डूबी हो?" माया के कन्धे पर हाथ रखती हुई उसकी माँ ने पूछा।
"सामान्य कोरोना होने के बाद जीवित रह जाना भी चिन्ता से मुक्ति नहीं है माँ..! स्वस्थ्य होने के कई महीनों के बाद यादाश्त खो जाना, उच्च रक्तचाप..,"
"क्यों क्या हुआ?"
"सुसी को कोरोना हुआ है और वह मुझे हा हा हा हा हा अनेक हा, हा लिखते हुए कई हँसता हुआ इमोजी भी लगाकर जबाबी सन्देश भेजा।"
"बहादुर बच्ची है उसका हौसला बढ़ाने में तुम भी सहायक होना।"